जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सेना के ट्रक पर हुआ आतंकी हमला इसी माह लेह में और अगले महीने श्रीनगर में होने वाली जी-20 समिट की बैठकों को रद्द कराने की साजिश के तहत किया गया था। खुफिया एजेंसियों की जांच में खुलासा हुआ है कि आतंकियों ने ट्रक पर करीब 36 राउंड गोलियां दागी थीं और हमले के लिए स्टिकी बम का इस्तेमाल किया था। हमले को अंजाम देने वाले 7 आतंकियों को खोजने के लिए 2000 कमांडो को सर्च ऑपरेशन में लगाया गया है। ड्रोन और हेलीकॉप्टरों के जरिए अंजाम दिए जा रहे ऑपरेशन में सेना ने ‘शूट एट साइट’ के ऑर्डर दिए हैं।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का सफाया करने के लिए भारतीय सेना की यूनिट राष्ट्रीय राइफल्स ने बीते कुछ सालों से ‘ऑपरेशन ऑल आउट’ चला रखा है। इसीलिए इसी यूनिट के जवान हमेशा आतंकियों के निशाने पर रहते हैं। 20 अप्रैल को हुआ आतंकी हमला भी राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों पर हुआ, जिसमें हवलदार मनदीप सिंह, लांस नायक देबाशीष बसवाल, लांस नायक कुलवंत सिंह, सिपाही हरकृष्ण सिंह और सिपाही सेवक सिंह बलिदान हुए। जांच में जुटीं खुफिया एजेंसियों ने खुलासा किया है कि आतंकियों ने इस हमले को मई, 2022 में हुए ‘कटरा बस अटैक’ की तर्ज पर अंजाम दिया है।
गृह मंत्रालय और एनआईए को साझा की गई इस रिपोर्ट में बताया गया कि आतंकियों ने ट्रक पर करीब 36 राउंड स्टील बुलेट दागी थीं और हमले में स्टिकी बम का भी इस्तेमाल किया था। फॉरेंसिक टीम और एनआईए ने घटनास्थल से सभी सैंपल ले लिये हैं। जांच टीम को ट्रक से 2 ग्रेनेड पिन और मिट्टी के तेल के वाष्प मिले हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि कि इस आतंकवादी हमले को सात आतंकियों ने अंजाम दिया था, जिसमें तीन विदेशी हैं। सेना को इनपुट मिला है कि घटनास्थल के आसपास जंगलों में सातों आतंकवादी छिपे हैं, इसीलिए यहां गहन तलाशी अभियान शुरू किया गया है।
सेना के मुताबिक इस सर्च ऑपरेशन में ड्रोन और हेलीकॉप्टरों को भी लगाया गया है और आतंकियों को ‘शूट एट साइट’ के ऑर्डर दिए गए हैं। हमले का बदला लेने के लिए सेना ने राज्य पुलिस के साथ मिलकर अपना एक्शन शुरू किया है, जिसमें करीब 2000 कमांडो को लगाया गया है। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इसे जम्मू-कश्मीर में जी-20 सम्मेलन से पहले एक सुनियोजित हमला बताया जा रहा है। यह हमला ऐसे समय में किया गया, जब भारत इस साल जी-20 समिट की अध्यक्षता कर रहा है। इसके तहत लेह में 26 से 28 अप्रैल को और श्रीनगर में 22 से 24 मई को बैठक होनी है।
इसी साल जनवरी-फरवरी के दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आर्मी यूनिट्स को एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें कश्मीर में होने वाले जी-20 समिट को देखते हुए बॉर्डर से घुसपैठ बढ़ने की आशंका जताई गई थी। कश्मीर में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में मस्जिदों के लाउडस्पीकरों पर सीमित अवधि के लिए जिहाद ब्रिगेड को प्रोत्साहित करने की घोषणा की जा रही है। घोषणाओं में कहा गया है कि कश्मीर में जी-20 शिखर सम्मेलन में खलल डालने के लिए जिहाद ब्रिगेड को हथियारों से लैस किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि हालांकि, इस अपील का असर कम होने की संभावना है, लेकिन छोटे समूहों को प्रेरित करने और इस तरफ धकेलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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