धर्म नगरी काशी में अक्षय तृतीया पर शनिवार को श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा में श्रद्धाभाव से अक्षय पुण्य की कामना से डुबकी लगाई और घाटों पर ब्राह्मणों, जरूरतमंदों में दानपुण्य किया। स्नान ध्यान के बाद श्रद्धालुओं ने श्री काशी विश्वनाथ, कालभैरव और संकटमोचन दरबार में हाजिरी लगाई।
अक्षय तृतीया पर गंगा स्नान के लिए श्रद्धालु नर-नारी अलसुबह से ही घाटों पर पहुंचने लगे। प्राचीन दशाश्वमेध, शीतलाघाट, पंचगंगा, अस्सी, मानसरोवर,अहिल्याबाई, सामनेघाट गंगा स्नान के लिए श्रद्धालु जुटे रहे। गंगा स्नान के बाद लोगों ने मां गंगा का दुग्धाभिषेक भी किया। गंगाघाटों पर लोगों ने ब्राह्मणों को झंझर, ताड़ का पंखा और अन्न दान भी किया। उधर, अक्षय तृतीया पर नमामि गंगे काशी क्षेत्र के सदस्यों ने उत्तर व दक्षिण भारत के ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करने वाले गंगा पुष्करालु कुंभ के श्री गणेश के अवसर पर दक्षिण भारत से आए श्रद्धालुओं के साथ गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई।
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल से आए आस्थावानों के साथ मां गंगा की आरती उतारकर सुख समृद्धि और पर्यावरण संरक्षण की कामना की। अक्षय तृतीया पर गंगा निर्मलीकरण के अक्षय संकल्प के आवाह्न के साथ मां गंगा का दुग्धाभिषेक भी किया। गंगा पुष्करालु के लिए काशी आए तीर्थयात्रियों ने कर्मकाण्ड और अपने पूर्वजों को श्राद्धकर्म के पूर्व मां गंगा का पूजन अर्चन कर आशीर्वाद मांगा।
तुलसी पौधे हाथों में लेकर गंगा की आरती उतारने के बाद विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर सभी ने एक स्वर से गंगा को प्रदूषण मुक्त करने का संकल्प लिया। आस्थावानों ने नमामि गंगे टीम के साथ गंगा तलहटी की सफाई में भी हाथ बंटाया। गंगा में श्रमदान करके ढेरों कचरे को निकालकर कूड़ेदान तक पहुंचाया गया। पर्यावरण को शुद्ध रखने और वृक्षारोपण की भावना जागृत करने की नियत से लोगों को तुलसी का पौधा प्रदान किया गया।
नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने बताया कि गंगा पुष्करालु त्यौहार के दौरान लोग खुद को पापों से मुक्त करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पवित्र नदी गंगा में डुबकी लगाते हैं । विश्व पृथ्वी दिवस हमारे लिए केवल एक रस्म-भर नहीं है, बल्कि यह खास दिन पृथ्वी के महत्व को उजागर करने और लोगों को यह याद दिलाने के लिए मनाया जाता है कि प्रकृति को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पेड़-पौधे लगाने, पेड़ों को संरक्षित करने, हरे पेड़ न काटने, नदियों को साफ रखने, जल का संरक्षण और प्रकृति से खिलवाड़ न करने जैसी चीजों के लिए हमें जागरूक होना चाहिए। हमें हर दिन को पृथ्वी दिवस मानकर उसके बचाव के लिए कुछ उपाय करते रहना चाहिए।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
टिप्पणियाँ