अमेरिका से लगातार कम्युनिस्ट चीन की शरारती चालों के खुलासे की खबरें आ रही हैं। अभी कुछ दिन पहले ही वहां कुछ चीनी ‘पुलिसथाने’ पकड़े गए थे। लेकिन कल एक बार फिर, अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि चीन के निर्देश पर कार्यरत छह और ‘पुलिसथानों’ और कुछ ‘अवैध संगठनों के अमेरिका विरोधी हरकतों में लिप्त’ होने की जानकारी सामने आई है। इससे इस बात को बल मिल रहा है कि चीन अपने विरोधी देशों में जासूसी करवाता है, उनकी रणनीतिक जानकारियां जुटाता है।
अमेरिका ने ही ताजा दावा किया है कई ऐसे अवैध संगठनों का पता चला है जो पूरे अमेरिका में फैल कर चीन के लिए जासूसी कर रहे हैं। चीनी ‘पुलिसथानों’ की असलियत तो पहले ही सामने लाई जा चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की ऐसी हरकतों से दोनों देशों में पहले से चला आ रहा तनाव और बढ़ सकता है।
दरअसल चीन पर सिर्फ अमेरिका में ही नहीं, कई अन्य यूरोपीय देशों में जासूसी के आरोप सामने आते रहे हैं। इसके बावजूद विस्तारवादी ड्रैगन तथ्यों को नकारता ही रहा है। वह सभी तरह के आरोपों से इंकार करता रहा है। दुनिया पर दबदबा कायम करने की इच्छा पाले कम्युनिस्ट चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अमेरिका ने तो बस एक बार फिर से दुनिया के सामने चीन के जासूसी की हरकतों से पर्दा हटाया है। अमेरिका ने दावे के साथ कहा है उसके यहां चीनी ‘पुलिसथाने’ और अवैध एजेंसियां ‘जासूसी’ के काम में लगी हैं।
पहले भी अमेरिका की गुप्तचर संस्था एफबीआई ने न्यूयॉर्क के मैनहटन क्षेत्र में एक चीनी ‘पुलिसथाने’ के होने की सनसनीखेज खबर उजागर की थी। इस संबंध में दो लोगों को हिरासत में लिया गया था। एफबीआई ने दावा किया था कि यह हरकत चीन के हस्तकों और अधिकारियों की देखरेख में चल रही थी।
इस बाबत न्यूयॉर्क पोस्ट में छपी रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका ने देश में छह और चीनी ‘पुलिसथानों’ के हरकत में होने की बात उजागर की है। रिपोर्ट क अनुसार, यह दावा भी किया गया है कि पूरे अमेरिका में कई अन्य ‘अवैध संगठन’ जासूसी की कार्रवाई में लगे हैं।
उल्लेखनीय है कि अभी कुछ दिन पहले भी अमेरिका की गुप्तचर संस्था एफबीआई ने न्यूयॉर्क के मैनहटन क्षेत्र में एक चीनी ‘पुलिसथाने’ के होने की सनसनीखेज खबर उजागर की थी। इस संबंध में दो लोगों को हिरासत में लिया गया था। एफबीआई ने दावा किया था कि यह हरकत चीन के हस्तकों और अधिकारियों की देखरेख में चल रही थी।
अमेरिका के प्रमुख शहरों लॉस एंजलिस तथा न्यूयॉर्क ही नहीं, एफबीआई ने सान फ्रांसिस्को तथा ह्यूस्टन, नेब्रास्का तथा मिनिएसोटा जैसे शहरों में भी कथित विदेशी ‘सर्विस स्टेशन’ देखे गए हैं।न्यूयॉर्क पोस्ट की उसी रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सरपरस्ती वाली एक एजेंसी पूरी दुनिया में चीन के नागरिकों की जासूसी करने में जुटी है।
लेकिन हमेशा की तरह चीन ने ऐसे किसी ‘पुलिसथाने’ या ‘सर्विस स्टेशन’ से उसका कोई सरोकार होने से इंकार किया है। यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि मैड्रिड में कार्यरत एक मानवाधिकार संस्था ने गत वर्ष दुनियाभर में चीन के सौ गुप्त पुलिसथानों के विवरण सहित विस्तृत रिपोर्ट सामने रखी थी।
अमेरिकी गुप्तचर संस्था एफबीआई का दावा था कि दुनिया में पहली बार इस तरह की हरकतों के लिए गिरफ्तारियां की गई हैं। पत्रकारों को जानकारी देते हुए संस्था का कहना था कि 2022 में 61 साल के लियू ज्यानवांग तथा 59 साल के चेन जिनपिंग ने मिलकर मैनहट्टन स्थित चाइनाटाउन में एक गुप्त पुलिसथाना चालू किया था। ये दोनों ही अब पुलिस की गिरफ्त में हैं। हैरानी की बात है कि ये दोनों ही मूलत: अमेरिकी नागरिक हैं। एक आकलन के अनुसार, चीन के इस वक्त ज्यादा नहीं तो, 53 देशों में कम से कम 102 पुलिसथाने बने हुए हैं।
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