उत्तराखंड : आपदा और संवेदनशील स्थानों पर संचार व्यवस्था सुदृढ़ करनी है – भारत सरकार

संचार मंत्रालय के अधिकारी पहुंचे नैनीताल, अधिकारियों के साथ की बैठक. 5 जी तकनीक से जोड़ा जाएगा ग्राम पंचायतों को

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उत्तराखंड ब्यूरो

नैनीताल । संचार मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के डायरेक्टर जनरल संयुक्त सचिव एस के अग्रवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को राज्य अतिथि गृह नैनीताल में जनपद नैनीताल में कनेक्टिंग रूरल एरिया पर ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क और आपदा प्रबन्धन विषय से सम्बन्धित आपदा से जुड़े अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की गई। जिससे की जनपद नैनीताल मैं आपदा के दौरान प्रभावित क्षेत्रों में एक बेहतरीन कनेक्टिविटी बनी रहे व तत्काल आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में त्वरित गति से सहायता पहुंचाई  जा सके एव  जनहानि को रोका जा सके।

एस के अग्रवाल ने कहा कि आपदा के दौरान आपस में बेहतर तालमेल  व कनेक्टविटी होना बहुत जरूरी है आपस मे सम्बन्धित  विभाग एव रिस्पांस टीम तालमेल बनी रहे इसके लिए  क्षेत्र में बेहतर कनेक्टविटी की अति आवश्यक होती है। इसी को दृष्टिगत ध्यान में रखते हुए  भविष्य के लिए भारत सरकार  नई तकनीकी पर कार्य कर रही है। जिसके तहत जनपदों के सभी ग्राम पंचायतों को कॉर्मिशलय मोबाईल सर्विसेस पर आधारित 4जी व 5जी से जोड़ा जायेगा यह प्लान पर भारत सरकार  द्वारा कार्य किया जा रहा है  जिससे की बेहतरीन कनेक्टवीटी संचार व्यवस्था मिल सके।

उन्होंने कहा भारत सरकार द्वारा देश में ऐसे गांव चिन्हित किये है जहॉ पर अभी तक किसी प्रकार की कनेक्टविटी नहीं है ऐसे स्थानों पर एक साल के अन्तर्गत एक लाख टावर लगाये जायेंगे।  साथ ही जिन स्थानों पर 2जी व 3जी कनेक्टविटी है प्रायः देखा जाता है की पावर क्षमता कम होने के कारण उन स्थानों मे समन्वय ठीक ढंग से नहीं बन पाता है। उन स्थानों पर 4जी और 5जी की कनेक्टविटी की जायेगी। उन्होंने कहा कि भारत  नेट राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्किंग के तहत ग्राम पंचायतों को जोड़ा जा रहा है ग्रामीण क्षेत्रों में ई-शिक्षा ई- स्वास्थ्य, ई-बैंकिंग आदि के विवरण को आसान बनाया किया जा सके।

बैठक में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने अवगत कराया  की मानसून अवधि के दौरान जनपद के उन संवेदनशील स्थानों पर आपदा के दौरान तत्काल  कार्रवाई के लिए क्यूआरटी  (क्विक रिस्पांस टीमो) का गठन किया जाता है।  साथ ही बेहतर आपस में समन्वय बनाने हेतु जनपद मुख्यालय के साथ ही प्रत्येक तहसील एव थानो मैं कंट्रोल रूम स्थापित किए जाते है ताकि आपदा क्षेत्र की त्वरित गति से सूचना मिल सके।आपदा से पूर्व पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री, ईंधन, दवाइयां एवं अन्य दैनिक सामग्रियों का भंडार सुरक्षित किया जाता है। समय-समय पर जन जागरूकता के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि आपदा के दौरान बचाव व राहत कार्य के लिए आपदा प्रबंधन टीम, एनडीआरएफ टीम, एसडीआरएफ, पुलिस विभाग, आइटीबीपी, सीआरएफ साथ ही आवश्यकता पड़ने पर आर्मी के साथ ही  अन्य का भी सहयोग लिया जाता है।

बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक पंकज भट्ट, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भागीरथी जोशी, उपजिलाधिकारी राहुल साह, पुलिस क्षेत्राधिकारी विभा दीक्षित, बीएसएनएल जीएम महेश कुमार, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनुपमा हृयांकी, ई-डिस्ट्रीक मैनेजर विकास शर्मा, के साथ वन विभाग, परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग, जल संस्थान, सिंचाई, विद्युत के साथ ही आपदा से जुडे सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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