भारत और पड़ोसी देश बांग्लादेश के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है। अब इसके अंतर्गत भारत से बाहर कारोबारी लेनदेन और सुविधाजनक हो जाएगा। इसके लिए भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक तथा बांग्लादेश के सोनाली बैंक और ईस्टर्न बैंक में विशेष रूप से खाते खोले जाने हैं। बैंकिंग विषेशज्ञों का मानना है कि इस नई पहल से दोनों देशों को लाभ पहुंचेगा। दोनों पड़ोसी देशों के अधिकारियों ने हाल ही में बेंगलुरु में आयोजित जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक के दौरान इस मुद्दे पर बातचीत की थी।
विशेषज्ञ इस समझौते को अभूतपूर्व मानते हुए कहते हैं कि भारत और पड़ोसी देश बांग्लादेश के कारोबारी लेन-देन को एक दूसरे देश की मुद्रा में स्वीकारने के इस फैसले से कारोबार भी बढ़ेगा और संबंध भी मजबूत होंगे। इस संधि के तहत दोनों देशों ने फैसला किया है कि आगे भारतीय रुपये और बांग्लादेशी मुद्रा में कारोबार करेंगे। उल्लेखनीय है कि अभी तक दोनों देशों के बीच कारोबारी लेनदेन अमेरिकी मुद्रा डॉलर में ही होता आया है।
मीडिया में आए समाचारों के अनुसार, बांग्लादेश के सोनाली बैंक मुख्य कार्यकारी अधिकारी अफजल करीम ने इस समझौते की प्रशंसा करते हुए इसे परस्पर लाभ का बताया है। करीम ने कहा है कि भारत तथा बांग्लादेश के अन्य बैंक भी आगे चलकर इस व्यवस्था से जुड़ जाएंगे। बता दें कि गत वित्त वर्ष में भारत से बांग्लादेश ने करीब 13.69 प्रतिशत आयात किया था। बांग्लादेश इस कुल कारोबार में से दो अरब डॉलर की देनदारी रुपये में चुकाएगा, शेष पैसा अमेरिकी डॉलर में ही दिया जाएगा।
बांग्लादेश के द डेली स्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बांग्लादेश बैंक के गवर्नर अब्दुर रऊफ तालुकदार के साथ एक ऐसी व्यवस्था होने की संभावना पर चर्चा की थी, जहां लेन-देन को डॉलर में न किया जाए।
बांग्लादेश के द डेली स्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बांग्लादेश बैंक के गवर्नर अब्दुर रऊफ तालुकदार के साथ एक ऐसी व्यवस्था होने की संभावना पर चर्चा की थी, जहां लेन-देन को डॉलर में न किया जाए। आरबीआई गवर्नर दोहरी मुद्रा के पक्ष में थे, जिस बारे में दोनों देशों के केंद्रीय बैंक तौर-तरीकों पर काम करेंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस व्यवस्था को जल्द ही परीक्षण के तौर पर शुरू किया जाएगा।
भारतीय रुपये और टका में व्यापार निपटान की लागत और कम रूपांतरण दर को कम करेगा, जिससे यह दोनों देशों के व्यापारियों के लिए फायदेमंद होगा। जैसा पहले बताया, वर्तमान में, इन दोनों देशों के बीच लेन-देन अमेरिकी डॉलर में किया जाता है, अब शायद ये जल्दी ही पूरी तरह बंद होकर दोनों देशों की मुद्राओं में होने लगे।
पिछले हफ्ते, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने राष्ट्रीय आर्थिक परिषद की बैठक की अध्यक्षता की थी, इसमें देश के केंद्रीय बैंक के गवर्नर तालुकदार ने कहा था कि रुपया-टका में व्यापार समझौता भारत को बड़ी मात्रा में भुगतान को देखते हुए विदेशी मुद्रा पर दबाव कम करेगा। बांग्लादेश सरकार ने एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जिसमें उसने कहा कि उसके अनुमान के अनुसार, भारत में उपचार, पर्यटन और शिक्षा पर बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा लगभग 2 अरब डॉलर खर्च किए जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत बांग्लादेश के लिए शीर्ष तीन आयात स्थलों में से एक है। तालुकदार ने आगे कहा कि भारत आने वाले बांग्लादेशियों के लिए दोहरी मुद्रा का कार्ड होगा। नागरिक यात्रा से पहले और इसके विपरीत भारतीय रुपये के साथ कार्ड में पैसा डाल सकते हैं। विनिमय दर दो मुद्राओं से प्राप्त होगी। भारत में व्यापारियों के लिए, यह व्यवस्था उनके बिलों के तेजी से भुगतान में मदद करेगी क्योंकि इसमें कोई डॉलर शामिल नहीं होगा।
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