विदेश मंत्रालय ने सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए आपात योजना तैयार की है। हालांकि यह संघर्षरत क्षेत्र के हालात पर निर्भर करेगा। फिलहाल वहां फंसे भारतीयों को सलाह दी गई है कि वे जहां हैं, सुरक्षा की दृष्टि से वहीं रहें।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय न्यूयार्क में हैं तथा वे सूडान की स्थिति के बारे में संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटिनियो गुटरेश से विचार-विमर्श करेंगे। प्रवक्ता ने कहा कि सूडान की राजधानी खार्तूम स्थित भारतीय दूतावास काम कर रहा है। हालांकि दूतावास भवन में इस समय कोई कर्मी मौजूद नहीं है। भारतीय राजनयिक फंसे हुए लोगों के साथ संपर्क में हैं। भारतीय दूतावास जिस इलाके में है वहां अन्य देशों के राजनयिक मिशन भी हैं तथा उस इलाके में संघर्ष चल रहा है। फिलहाल भारतीय दूतावास को निशाना बनाये जाने की कोई जानकारी नहीं है।
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प्रवक्ता ने कहा कि सूडान के हालात तनावपूर्ण हैं। हमारा ध्यान भारतीयों की सुरक्षा पर केन्द्रित है तथा उनके साथ विभिन्न माध्यमों से संपर्क कायम है।
उन्होंने कहा कि सूडान से भारतीयों को बाहर निकालने के संबंध में हमारी ओर से आपात योजना तैयार की गई है तथा हम पूरी तरह से तैयार हैं। सूडान में संघर्ष रत गुटों के बीच 24 घंटे का युद्ध विराम कायम है। इसके मद्देनजर प्रवक्ता ने कहा कि हमें देखना है कि युद्ध विराम कितने समय जारी रहता है। परिस्थितियों के अनुरूप लोगों को बाहर निकालने का काम हो सकेगा। प्रवक्ता ने कहा कि यह ध्यान रखना होगा कि हवाई अड्डा काम कर रहा है या नहीं तथा सड़क मार्ग से निकासी संभव है या नहीं ।
सूडान में पिछले कुछ दिनों से वहां की सेना और अर्द्धसैनिक बलों के बीच लड़ाई जारी है। इसमें एक भारतीय नागरिक की मौत हो चुकी है। बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक भी मारे गए हैं।
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