देश में चीनी का उत्पादन घटने की आशंका सच साबित होने लगी है। चीनी विपणन वर्ष 2022-23 में 15 अप्रैल तक चीनी का उत्पादन 6 फीसदी घटकर 311 लाख टन रहा है। पिछले चीनी विपणन वर्ष की इसी अवधि में 328.7 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ था। इस तरह 18 लाख टन चीनी का कम उत्पादन हुआ है। इस गिरावट की मुख्य वजह महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन घटना है। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
चीनी मिलों के प्रमुख संगठन इस्मा के आंकड़ों के मुताबिक चीनी के प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में उत्पादन चालू चीनी विपणन वर्ष में 105 लाख टन हुआ है, जबकि पिछले चीनी विपणन वर्ष में 126.5 लाख टन उत्पादन हुआ था। पिछले चीनी विपणन वर्ष के मुकाबले महाराष्ट्र में 21.5 लाख टन की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन 15 अप्रैल तक बढ़कर 96.6 लाख टन रहा है। पिछले चीनी विपणन वर्ष की इसी अवधि में यह 94.4 लाख टन रहा था। इसी तरह तीसरे बड़े चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक में चीनी का उत्पादन पिछले चीनी विपणन वर्ष के 58 लाख टन के मुकाबले घटकर 55.3 लाख टन रह गया। कर्नाटक में चीनी का उत्पादन 2.7 लाख टन घटा है।
उल्लेखनीय है कि चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। इस्मा ने चालू चीनी विपणन वर्ष 2022-23 के लिए चीनी का कुल उत्पादन 334 लाख टन रहने का अनुमान जताया है। पिछले चीनी विपणन वर्ष 2021-22 में चीनी का उत्पादन 358 लाख टन रहा था। इस्मा के मुताबिक चालू चीनी सीजन में 532 मिलों ने पेराई कार्य शुरू की थी, जिसमें से 400 मिलों में पेराई बंद हो चुकी है। फिलहाल सिर्फ 132 चीनी मिलों में पेराई का काम चल रहा है।
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