कंगाली में डूबते—उतराते पाकिस्तान में जहां इंसानों को खाने को नहीं मिल रहा है वहीं जानवरों के हाल तो कहीं ज्यादा बेहाल हैं। कई चिड़ियाघरों में कैद जानवरों को कई दिन से पेट में डालने को कुछ नहीं मिल रहा है। हालत यहां तक खराब हो चली है कि चिड़ियाघरों को कभी भी बंद किया जा सकता है।
ताजा खबर यह है कि पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कहलाने वाले कराची शहर का इकलौता चिड़ियाघर बंद होने की कगार पर जा पहुंचा है। वहां बंद जानवर बेहाल हैं। उन्हें भूखे रहना पड़ रहा है। खाने को कुछ नहीं दिया जा रहा है। एक दिलचस्प कहानी यहां रह रही हथिनी नूरजहां की है। उसकी टांग खराब हो गई है। आपरेशन करने के बाद भी उसकी हालत बराबर बिगड़ती ही जा रही है।
लेकिन कंगाली में डूबा पाकिस्तान इन बेजुबानों को भी जीने का मौका देने में अक्षम है। कराची का चिड़ियाघर एक मायने में जानवरों के लिए मौत का कुंआ बनता जा रहा है।
सिंध सूबे की विधानसभा के सदस्य, पीटीआई नेता फिरदौस शमीम नकवी ने ट्वीट किया है, जिसमें लिखा है कि ‘कराची चिड़ियाघर जानवरों के लिए मौत का ठिकाना जैसा बन चुका है। चिड़ियाघर में प्रबंधन की कमी की वजह से जानवर मर रहे हैं, यहां जानवरों की देखभाल नहीं हो रही है। नूरजहां का पैर जाता रहा।
जिस पाकिस्तान में आदमी तक आटे के लिए एक दूसरे के खून के प्यासे हो चले हैं वहां जानवरों की सुध आखिर कौन ही लेगा? लोग खाने की किल्लत में हाथपैर मारते हुए अपनी जान गंवा चुके हैं। पड़ोस के इस्लामी देश की हालत का अंदाजा इससे भी लगता है कि बेजुबानों का आसरा बने चिड़ियाघर तक बंद करने की मजबूरी आन खड़ी हुई है।
उल्लेखनीय है कि यह नूरजहां ही है जिसकी वजह से चिड़ियाघरों में जानवरों के लिए पड़े खाने के लाले सामने आए हैं। अभी कुछ दिन पहले 17 साल की हथिनी नूरजहां की टांग की हालत गंभीर हो चली थी। असल में वह हथिनी एक गहरे गड्ढे में गिर गई थी। किसी तरह जेसीबी मशीन की मदद से उसे गड्ढे से बाहर निकाला गया। लेकिन इस सबमें उसकी टांग बुरी तरह जख्मी हो गई। डॉक्टरों के दल ने नूरजहां का आपरेशन किया और वह कामयाब रहा। तो भी, बाद की देखभाल और दवा न मिलने की वजही से उसकी हालत लगातार बिगड़ती ही जा रही है।
Karachi Zoo become death cell for the animals due to incompetent& anti animal management.Elephant Noorjehan lost its leg due to poor arrangements.Administrator KMC busy in protocol of Sindh Governor & arrangements for his Iftar& Sehri rather than looking after the injured animal pic.twitter.com/IXRyhqxs6G
— Firdous Shamim Naqvi (@Fsnaqvi) April 16, 2023
सोशल मीडिया पर नूरजहां का दर्द क्या साझा हुआ, स्थानीय लोग हथिनी के मुरीद हो गए। लेकिन अब उसकी हालत और बिगड़ने के चलते लोगों का गुस्सा भी बढ़ता जा रहा है। वे प्रशासन को कोस रहे हैं, उस पर सवाल उठा रहे हैं। इस वजह से जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने जानवरों की देखभाल न कर पाने की वजह से सूबे की सरकार से कहा है कि चिड़ियाघर को बंद कर दे। विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भी जानवरों को किसी सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचाने की उनकी मांग का समर्थन कर दिया है।
सिंध सूबे की विधानसभा के सदस्य, पीटीआई नेता फिरदौस शमीम नकवी ने ट्वीट किया है, जिसमें लिखा है कि ‘कराची चिड़ियाघर जानवरों के लिए मौत का ठिकाना जैसा बन चुका है। चिड़ियाघर में प्रबंधन की कमी की वजह से जानवर मर रहे हैं, यहां जानवरों की देखभाल नहीं हो रही है। नूरजहां का पैर जाता रहा। दिन—ब—दिन उसकी हालत बिगड़ती ही जा रही है’। (देखें ट्वीट)
शमीम ने लिखा कि कराची महानगर निगम अपने यहां के चिड़ियाघर में जानवरों की बदहाली की चिंता करने की बजाय सिंध के गवर्नर कामरान टेसोरी के प्रोटोकॉल तथा उनके इफ्तार और सेहरी के इंतजाम करने में जुटा है। नूरजहां को बीमारी से ठीक होने के लिए जरूरी खाना तक नहीं खिलाया जा रहा है। एक पत्रकार ने बताया है कि रजिस्टर में तो बीमार नूरजहां को 40 किलो शकरकंद खिलाने की बात लिखी गई है, लेकिन असल में तो उसे गाजर खिलाई गई है।
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