बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत का सिलसिला जारी है। सोमवार देर रात एक और मौत होने के बाद मरने वालों की संख्या 41 हो गई है, जबकि 32 लोग सदर अस्पताल व निजी नर्सिंग होम में इलाजरत है।
इस बीच जिला प्रशासन ने जहरीली पेय पदार्थ पीने से 27 लोगों के मरने की पुष्टि करते हुए डीएम सौरव जोरवाल ने उत्पाद विभाग के सात अधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग की है। साथ ही बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में लगातार मेडिकल टीम के साथ पुलिस व प्रशासन के लोग जुटे हैं। बचाव व राहत के साथ जागरुकता का कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
बताते चलें कि मरने वालो में अब तक 9 लोगों का पोस्टमार्टम हो सका है। जिला प्रशासन के अधिकारी ने बताया कि कई शव का बिना सूचना के दाह संस्कार कर दिया गया। वहीं, पुलिस कार्रवाई की बात की जाय तो एसपी कान्तेश कुमार मिश्र ने पांच थानेदार, दो एलटीएफ प्रभारी व नौ चौकीदारों को निलंबित करते हुए लगातार विशेष अभियान चलाकर 178 शराब कारोबारी को गिरफ्तार किया है। इस दौरान 1729.53 लीटर देशी एवं 49.855 लीटर विदेशी शराब बरामद करने के साथ ही कुल 2200 लीटर अर्द्धनिर्मित पास (अर्द्ध निर्मित शराब) विनष्ट किया गया है।
जिला पुलिस द्धारा जारी प्रेस नोट में बताया गया कि डीआईजी मधनिषेध मानवजीत सिंह ढिल्लो व डीआईजी चंपारण रेंज जयंत कान्त ने इस पूरी घटना की समीक्षा के बाद अनुसंधान की दिशा में संबंधित अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं अंचल पुलिस निरीक्षक को कई आवश्यक निर्देश दिये हैं। इस बीच इस पूरी घटना और मौत को लेकर राजनीतिक गहमागहमी भी बढी है।
प्रतिपक्ष के नेता विजय सिन्हा, भाजपा नेता सांसद डॉ.संजय जायसवाल, जाप नेता पप्पू यादव, पूर्व केन्द्रीय मंत्री राधामोहन सिंह, लोजपा नेता राजू तिवारी समेत कई नेताओं ने पीड़ित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद लगातार तीखे बयान दिये जा रहे हैं। साथ ही सीएम नीतीश कुमार द्वारा जहरीले शराब से मरने पर मुआवजा देने की घोषणा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस घटना में जब कई मृतकों का पोस्टमार्टम ही नहीं हुआ तो पीड़ितों को मुआवजा कैसे मिलेगा?
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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