मध्य प्रदेश के खंडवा का यह दृश्य, जहां एक रेस्तरां में एक शिक्षक और युवक के साथ एक छात्रा अपने जन्मदिन की योजना बनाने पहुंची और इनके साथ जूस पी रही होती है, तभी वहां मुस्लिम भीड़ आती है और बिना बातचीत किए उन दोनों युवकों और छात्रा को पीटने लगती है। हद तो तब हो गई जब भीड़ इन दोनों युवकों को उठाकर (अपहरण कर) एक विशेष क्षेत्र में ले गई, जहां इनकी पिटाई करना जारी था। किसी ने फोन पर पुलिस को इस घटनाक्रम की जानकारी दी, बिना देर किए मध्य प्रदेश पुलिस उस स्थान पर पहुंच गई और अपनी सजगता और सक्रियता का परिचय देते हुए दोनों युवकों की जान बचा सुरक्षित ले आई ।
बनाया गया थाने को निशाना, कश्मीर की पत्थरबाजी स्टाइल में हुआ पथराव
खंडवा के आनंदनगर स्थित रेस्टारेंट में रविवार दोपहर घटे इस पूरे घटनाक्रम के बाद भी मुस्लिम समुदाय का मन नहीं भरा और दोनों युवकों पर रिपोर्ट लिखवाने रात को थाने पहुंच गए। जब थाने में इनकी झूठी रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया गया तो ये समुदाय इतना गुस्सैल हो गया कि पुलिस थाने को भी अपना निशाना बनाने से नहीं छोड़ा। देर रात मोघट थाने पर कश्मीर की पत्थरबाजी स्टाइल में पथराव किया जाने लगा। आखिरकार पुलिस ने बल प्रयोग कर इन विशेष लोगों को खदेड़ा।
मुंह पर कपड़ा बांध कर आई थी मुस्लिम भीड़
दरअसल, विवाद शहर के आनंदनगर स्थित एक रेस्टोरेंट में नाबालिग छात्रा के अपने शिक्षक और एक युवक के साथ बैठकर जूस पीते हुए अपने जन्मदिन की योजना बनाते समय शुरू होता है। इस संबंध में प्रत्यक्षदर्शियों, पीड़ित युवकों और पुलिस की ओर से बताया गया कि रविवार दोपहर लगभग तीन बजे आनंदनगर स्थित एक कैफे में 10वीं की छात्रा माता चौक पर निवासरत अपने टीचर सत्यम कुमार वर्मा और परिचित अतुल यादव के साथ रेस्टोरेंट में जूस पी रही थी। तभी मुस्लिम समाज के कुछ लोग मुंह पर कपड़ा बांध कर वहां पहुंचे।
पुलिस की अत्यधिक सक्रियता से बची दोनों युवकों की जान
पहले उन्होंने छात्रा का नाम और पता पूछा, कहा- यहां क्यों बैठी हो ? उसने बताया कि इनमें से एक हमारे टीचर हैं, दूसरे परिचित हैं, लेकिन रेस्तरां आई ये मुस्लिम भीड़ कुछ सुनने को तैयार नहीं हुई और ये लोग दोनों युवकों को बुरी तरह मारने लगे, इस भीड़ ने छात्रा को भी पीटा। इतने पर भी इस मुस्लिम भीड़ का मन नहीं भरा, वह सत्यम और अतुल का अपहरण कर खानशाहवली विशेष इलाके में ले गई, जहां इनकी पिटाई की जा रही थी। पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों युवकों को छुड़ाकर उनकी जान बचाई। फिर मोघट पुलिस ने इस प्रकरण में अपहरण और मारपीट की दो एफआईआर दर्ज की।
मुस्लिम भीड़ सत्यम और अतुल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का बना रही थी दबाव
यहीं से फिर पूरे मामले ने नया मोड़ पकड़ा। रात होने का इंतजार किया गया, फिर जैसे ही रात हुई देखते ही देखते विशेष समुदाय की भीड़ ने थाना घेर लिया। विशेष समुदाय की तरफ से भीड़ का नेतृत्व कर रहा कहारवाड़ी वार्ड पार्षद अशफाक सीगड़ रात्रि करीब 11 बजे 17 वर्षीय किशोरी के साथ मोघट थाने पहुंचा था। उसका कहना था कि किशोरी की तरफ से फिर से केस दर्ज किया जाए। पुलिस उसकी तरह से एफआईआर सत्यम और अतुल के खिलाफ दर्ज करे, जिसके लिए पुलिस ने साफ मना कर दिया कि जब उनकी कोई गलती ही नहीं, तो प्रकरण क्यों दर्ज किया जाएगा।
इस भीड़ ने फिर पुलिस से कहा कि दोपहर छात्रा पर दबाव बनाकर एकतरफा एफआईआर करवाई गई है। दोबारा रिपोर्ट लिखो। पुलिस ने समझाइश देने की बहुत कोशिश की। तभी पार्षद समर्थकों ने थाने पर पथराव शुरू कर दिया। अंतत: हंगामा करती भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया और फिर भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया। थाना परिसर में भी पत्थर फेंके जाने की जानकारी मिलते ही एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल भी तुरन्त थाने पहुंचे।
खंडवा शहर के गांधीनगर में भी हुआ पथराव
इसी बीच खंडवा शहर के गांधीनगर में पथराव होने लगा। सूचना पर बिना देर किए पुलिस फोर्स गांधीनगर पहुंची और हालात काबू में किए गए। वहीं, विशेष समुदाय से मार खाए शिक्षक सत्यम कुमार ने उन्हें बताया भी कि जिस छात्रा के साथ वे रेस्तरां में बैठे थे वह उनकी विद्यार्थी है। उसका जन्मदिन आने वाला है, फिर वह जैसा कि पता चला कि आगे की पढ़ाई के लिए कुछ दिन बाद छात्रा मुंबई जाने वाली है, इसलिए उसके जन्मदिन मनाने की योजना बनाने के लिए हम रेस्टोरेंट में बैठे थे, और जूस पी रहे थे, लेकिन हमें मारने आई भीड़ ने हमारी कोई बात नहीं सुनी। हमने कहा भी कि आप लोग गलत समझ रहे हो, पर वे मारने लगे। विशेष समुदाय के ये लोग हम तीनों को बुरी तरह मारते रहे, फिर ये सभी पीटते-पीटते हमें रेस्तरां से रोड तक ले आए। इसके बाद हमारा अपहरण कर लिया गया। सीसीटीवी फुटेज में ये मुस्लिम भीड़ मुंह पर कपड़ा बांध मारपीट करती नजर भी आ रही है ।
खंडवा नगर निगम क्षेत्र में लगी धारा 144
इस पूरे प्रकरण में जिलाधीश अनूप कुमार सिंह का कहना है कि विवाद-प्रकरण और संपूर्ण घटना की गंभीरता को देखते हुए खण्डवा नगर निगम क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई है। मामले में पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने बताया कि दोपहर में रेस्तरां की घटना को लेकर पीड़िता अपने बयान पहले से ही दर्ज करवा चुकी थी। इसके बाद भी कुछ लोग शाम को थाने आकर छात्रा की ओर से दोबारा केस दर्ज करवाने की मांग करने लगे। ये सभी दूसरी बार झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाने का दबाव बना रहे थे। उन्होंने बताया कि भीड़ लाकर साम्प्रदायिक माहौल बनाया गया और तनाव पैदा करने की कोशिश की गई। इसलिए पार्षद अशफाक को हिरासत में लिया गया है। पुराना रिकॉर्ड देखकर आगे की कार्रवाई करेंगे। स्थिति अभी नियंत्रण में है। फिलहाल नगर निगम क्षेत्र में धारा 144 लगाई गई है।
आरोपितों में हुई दो की गिरफ्तारी
मोघट टीआई बृजभूषण हिरवे का कहना है कि जिस तरह का यह पूरा मामला है, उसे देखते हुए मारपीट करने के लिए अजहर पिता हजरत अली निवासी खानशाहवली, शादाब निवासी गुलमोहर कॉलोनी, मो. इरफान निवासी दुबे कॉलोनी के साथ मोहसिन निवासी छीपा कॉलोनी के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। सत्यम और अतुल की निशानदेही के बाद इन पर अपहरण, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। बालिका की तरफ से भी इन पर मारपीट का केस दर्ज कराया गया है। शहर में शांति बहाली है।
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