माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार देर रात प्रयागराज में हत्या के बाद घटनास्थल से जो हथियार मिला है वह भारत में प्रतिबंधित है। इसकी कीमत चार से पांच लाख रुपये आंकी गई है। वारदात को अंजाम देने वाले तीन आरोपित आत्मसमर्पण के बाद घटनास्थल पर गिरफ्तार कर लिये गए। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि यह प्रतिबंधित अत्याधुनिक हथियार इन तीनों आरोपितों के पास कैसे पहुंचा। इनकी मदद कौन कर रहा था।
सूत्रों ने बताया कि वारदात के बाद घटनास्थल से जुटाए गए साक्ष्य के तौर पर पुलिस और फॉरेंसिक टीम के हाथ एक पिस्टल लगी है। प्रारंभिक जांच में यह पिस्टल तुर्किये में निर्मित हुई प्रतीत हो रही है। इसे जिगाना मेड के नाम से जाना जाता है। इसकी कीमत चार से पांच लाख रुपये है। यह भारत में पूरी तरह से प्रतिबंधित है। भारत में प्रतिबंधित जिगाना मेड पिस्टल की तस्करी पाकिस्तान के जरिए की जाती है। यह पूरी तरीके से ऑटोमेटिक पिस्टल है और इसमें एक बार में 17 गोलियां लोड होती हैं। ट्रिगर दबाते ही एक बार में पूरी मैगजीन खाली हो जाती है। इस हथियार से पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की भी हत्या हुई थी।
अतीक और अशरफ की हत्या के अभियुक्त हमीरपुर निवासी शनि, कासगंज निवासी अरुण और बांदा निवासी लवलेश का आपराधिक रिकार्ड है, लेकिन इनके परिवार के बैकग्राउंड पर गौर किया जाए तो ये लोग इतनी महंगी और प्रतिबंधित हथियार खरीदने में सक्षम नहीं हैं। अब इनको हथियार किसने दिया और इनके पीछे का मास्टरमाइंड कौन है, इसका पटाक्षेप जांच में जल्द ही होने की उम्मीद है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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