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समान न्यायिक संहिता बनाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर

- याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने बताया कि न्यायिक समानता संवैधानिक अधिकार है। इसे विभिन्न कोर्ट के क्षेत्राधिकार के आधार पर अलग-अलग करना संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।

by WEB DESK
Apr 13, 2023, 10:43 pm IST
in भारत, दिल्ली
दिल्ली हाई कोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट

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दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर समान न्यायिक संहिता बनाने की मांग की गई है। याचिका भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है।

याचिका में कहा गया है कि विभिन्न हाई कोर्ट में केसों का वर्गीकरण एक समान नहीं है। केसों का वर्गीकरण एक समान नहीं होने से न केवल आम लोगों को परेशानी होती है बल्कि वकीलों और प्राधिकारों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि रिट याचिकाओं में भी हाई कोर्ट्स में समानता नहीं है। विभिन्न हाई कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई के लिए भी कोई समान तय प्रक्रिया नहीं अपनाई जाती है।

याचिका में कहा गया है कि न्यायिक समानता संवैधानिक अधिकार है। इसे विभिन्न कोर्ट के क्षेत्राधिकार के आधार पर अलग-अलग करना संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। याचिका में न्यायिक शब्दों, संक्षेपाक्षरों, मुहावरे, कोर्ट फीस का ढांचा और वाद दायर करने की एकसमान प्रक्रिया बनाने की मांग की गई है। याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि वो लॉ कमीशन को समान न्यायिक संहिता बनाने का दिशा-निर्देश जारी करे। कोर्ट वैकल्पिक तौर पर समान न्यायिक संहिता बनाने के लिए एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन करे।

Topics: Delhi Newsअश्विनी उपाध्याय की याचिकाAshwini Upadhyay's petitiondelhi high court newsदिल्ली हाई कोर्ट समाचारसमान न्यायिक संहिताUniform Judicial CodeNational Newsराष्ट्रीय समाचारदिल्ली समाचार
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