जो सनातन और हिंदू राष्ट्र का समर्थन करे, उसका साथ दें : बाबा रामदेव

बाबा रामदेव ने कहा कि हम तो मुसलमानों को मानते हैं कि वे हमारे ही पूर्वजों की औलाद हैं। वक्त के साथ उनकी पूजा पद्धति अलग हो सकती है, लेकिन पूर्वज अलग नहीं हो सकते।

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योगगुरु बाबा रामदेव सोमवार को मध्य प्रदेश के भिंड जिले के लहार पहुंचे। वे यहां चल रही सात दिवसीय भागवत कथा में शामिल हुए। उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कई लोग कहते हैं कि मैं भाजपा का समर्थक हूं, यह गलत है। मैं किसी दल का समर्थक नहीं हूं। मैं तो सनातन का समर्थक हूं। जो सनातन और हिंदू राष्ट्र की बात करे, आप भी उसका साथ दें। इस दौरान कथावाचक चिन्मयानंद बापू, पंडोखर धाम के महंत गुरुशरण महाराज सहित अन्य संत व लोग मंच मौजूद रहे।

बाबा रामदेव ने कहा कि बाबा को राजनीति से क्या लेना देना, कोई सांसद बने, कोई विधायक, सीएम या पीएम बने, हमारी फकीरी को कोई चुनौती नहीं दे सकता। हम फकीर आदमी हैं। हमको किसी से क्या लेना-देना, लेकिन सत्ता में भी जो सनातन धर्म के प्रति निष्ठा रखता हो उसी को सपोर्ट करो, बाकी सभी को मोक्ष करो। साधना में सिद्धियों में पंडोखर सरकार पर हनुमानजी की बहुत बड़ी कृपा है। शक्तियों के नाम पर भी बहुत पाखंड चलता है, लेकिन भगवान की कृपा से अनेकों को असली वाली शक्ति मिली है। बुरे लोगों का हम पर शासन नहीं होना चाहिए।

भारत के मुसलमान हमारे पूर्वजों की औलाद हैं
उन्होंने कहा कि सनातन सत्य ही शाश्वत है। एक ने मुझसे पूछा कि इन मुसलमानों का क्या होगा। मैं जब आया तो कुछ मुसलमान भी प्रणाम कर रह थे। मैंने कहा कि मुसलमान आज ही मुसलमान हैं। 99 फीसदी मुसलमान औरंगजेब के बाद बने हैं। 350-400 साल पहले इनके पुरखे और हमारे पुरखे एक ही थे। कोई मुसलमान ज्यादा तेजी से अकड़े तो उससे कहना कि अपने खून को याद कर ले, हमको मत गुर्रा हम-तुम एक ही हैं। वो मानें या न मानें, हम तो मुसलमानों को मानते हैं कि वे हमारे ही पूर्वजों की औलाद हैं। वक्त के साथ उनकी पूजा पद्धति अलग हो सकती है, लेकिन पूर्वज अलग नहीं हो सकते। बाबा रामदेव ने कहा कि यहां कोई ईसाई वैटिकन सिटी या यूरोप से आए हैं क्या? हमारे जैसा उनमें खून है, चमड़ी का रंग एक है। हमारे ही कुल वंश के हैं। जो ईसाई और मुसलमान भारत में रह रहे हैं, ये सब अपने ही हैं। कोई कुछ गलत करेगा तो प्रशासन अपना काम करेगा, लेकिन हम किसी से नफरत नहीं करते।

बच्चों को धर्म ग्रंथों की शिक्षा जरूरी
बाबा रामदेव ने कहा कि बच्चों को भी धर्म ग्रंथों की शिक्षा जरूर दें। उन्हें रामायण, महाभारत, गीता, उपनिषद पढ़ाएं। बच्चों को अंग्रेजी, संस्कृत, हिंदी, विज्ञान सब पढ़ाएं। उसमें भारतीय शिक्षा जरूर पढ़ाएं। शराब, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट से दूर रहें। नशे से दूर रहें। जो भी नशा करता हो अपना नशा बाबा की झोली में डाल दे। सभी इसका संकल्प लें।

भारत की दो ही परंपरा हैं- कृषि और ऋषि
बाबा रामदेव ने मंच से भजन भी सुनाया और योग भी किया। लोगों से कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित योग करें। भारत की दो ही परंपरा हैं- कृषि और ऋषि। हमने कुछ मुद्दे उठाए थे, राजनीतिक दृष्टि से देश आजाद हो गया। अभी शिक्षा, आर्थिक, वैचारिक और चारित्रिक गुलामी से देश को आजाद कराना है। तो कुछ लोग हमारे पीछे अड़ गए। आज उनके हालात ये हैं, कोई नाम लेने वाला नहीं बचा है। जो धर्म के विरुद्ध आचरण करेगा उसका विनाश निश्चित है। यही विधान है। रामदेव किसी को श्राप नहीं देता है।

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