केंद्रीय चुनाव आयोग ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) का राष्ट्रीय दर्जा समाप्त कर दिया।
इसके अलावा नागालैंड में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास); मेघालय में वॉइस ऑफ द पीपल पार्टी और त्रिपुरा में टिपरा मोथा को मान्यता प्राप्त राज्य राजनीतिक दलों का दर्जा दिया गया है। वहीं पीडीए (मणिपुर), पीएमके (पुडुचेरी), आरएलडी (उत्तर प्रदेश), बीआरएस (आंध्र प्रदेश), आरएसपी (पश्चिम बंगाल) और एमपीसी (मिजोरम) से राज्य दलों का दर्जा वापस ले लिया गया है। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह कर्नाटक उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को 13 अप्रैल तक आप की राष्ट्रीय पार्टी की स्थिति के बारे में उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया था।
बता दें कि 2016 में ही तृणमूल कांग्रेस को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला था क्योंकि तब पश्चिम बंगाल के साथ में त्रिपुरा, अरुणाचल और मणिपुर में विधानसभा चुनाव के दौरान तृणमूल कांग्रेस को छह फ़ीसदी वोट मिले थे।
नियम है कि राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए तीन में से कोई एक शर्त पूरी करनी पड़ती है। एक कम से कम 4 राज्यों में छह फ़ीसदी वोट हासिल करना पड़ता है। दूसरा लोकसभा चुनाव के समय कम से कम तीन राज्यों में कुल लोकसभा सीटों का दो फीसदी यानी 11 सीटों पर जीत दर्ज करनी पड़ती है। और तीसरी है कि इनमें से कम से कम चार सीटों पर दोबारा जीत दर्ज करनी होगी। दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने राजधानी के अलावा पंजाब, गोवा और गुजरात में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में छह फ़ीसदी वोट हासिल किए थे जिसकी वजह से उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला है। इसमें कई सारी सुविधाएं भी मिलती हैं। जो राष्ट्रीय पार्टियां हैं उन्हें पार्टी दफ्तर बनाने के लिए राज्य सरकार की ओर से जमीन या आवास उपलब्ध कराया जाता है। दूसरी चुनाव के समय 40 स्टार प्रचारक पार्टी के लिए प्रचार कर सकते हैं। जबकि क्षेत्रीय दलों के लिए केवल 20 प्रचारको को अनुमति रहती है। इसके अलावा क्षेत्रीय दलों का चुनाव चिह्न दूसरे राज्यों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है जबकि राष्ट्रीय दलों के मामले में चुनाव चिह्न संरक्षित होता है।
टिप्पणियाँ