अरुणाचल प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को अंजाओ जिला के किबिथु में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के लिए आज महत्वपूर्ण दिन है, जिसकी कल्पना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सीमावर्ती गांवों में रोजगार व विकास सुनिश्चित करने के साथ पलायन रोकने के लिए की है।
इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने यह भी कहा कि भारत की जमीन को हथियाने का जमाना अब चला गया है। उन्होंने बिना नाम लिए चीन पर हमला करते हुए कहा कि सुई की नोक जितनी जमीन भी कोई नहीं ले सकता। शाह ने कहा कि अरुणाचल में कोई भी नमस्ते नहीं करता, सब जय हिन्द बोल कर एक-दूसरे का अभिवादन करते हैं। यह देखकर हृदय देशभक्ति से भर जाता है। अरुणाचलवासियों के इसी जज्बे के कारण 1962 की लड़ाई में जो अतिक्रमण करने आया था उसे वापस जाना पड़ा था।
ट्वीट के माध्यम से गृहमंत्री शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार और पलायन रोकने और सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए जीवंत गांव कार्यक्रम शुरू किया है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 के बीच सड़क संपर्क के लिए विशेष रूप से 2500 करोड़ रुपये सहित 4800 करोड़ रुपये के केंद्रीय योगदान के साथ ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ को मंजूरी दी है।
यह कार्यक्रम चिह्नित सीमावर्ती गांवों के लोगों के जीवनस्तर में सुधार लाने में मदद करेगा। साथ ही उन्हें अपने मूल स्थानों पर रहने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इससे पलायन रुकेगा और सीमा की सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिलेगी। अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में 2967 गांवों को ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के लिए चुना गया है।
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