खालिस्तान समर्थक वारिस पंजाब दे संगठन के मुखिया व पिछले 23 दिनों से फरार अमृतपाल सिंह के साथी पपलप्रीत को पंजाब पुलिस ने धर दबोचा है। उसे होशियारपुर से पकड़ा गया है। पंजाब पुलिस और काउंटर-इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा चलाए गए एक ऑपरेशन में पपलप्रीत सिंह को पकड़ा गया है। कुछ दिन पहले ही होशियारपुर के एक डेरे में लगे सीसीटीवी कैमरों में अमृतपाल का साथी पपलप्रीत कैद हुआ था। तब से माना जा रहा था कि अब दोनों अलग-अलग जगहों पर छिपे हुए हैं।
पपलप्रीत भी खालिस्तानी विचारधारा से संक्रमित है और उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह खालिस्तान समर्थक पत्रिका फतेहनामा के लिए भी आतंकवादियों के समर्थन में लेख लिखता रहा है। वह सिख यूथ फ्रंट बनाकर 1984 के दंगा पीड़ितों के लिए भी आवाज उठाता रहा है। शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के यूके विंग के हस्तक्षेप से उसे युवा विंग के चीफ आर्गेनाइजर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके बाद उसने सिख यूथ फ्रंट को भंग कर शिअद (अमृतसर) में मिला दिया था। वह घटना वाले दिन से ही अमृतपाल के साथ रहा है और अभी तक फरार चला आ रहा था।
गौरतलब है कि खालिस्तान समर्थक वारिस पंजाब दे संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह पिछले 18 मार्च से फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जोर-शोर से जुटी हुई है। इसी बीच 30 मार्च को उसने एक ऑडियो जारी किया था, जिसमें उसने आत्मसमर्पण करने की बात को नकारते हुए कहा था कि वह पुलिस कस्टडी में टॉर्चर से नहीं डरता। इसमें अमृतपाल ने पिछली वीडियो के संबंध में सफाई भी दी कि वह अपनी मर्जी से बनाई है।
इससे पहले 29 मार्च को अमृतपाल एक विदेशी यूट्यूब चैनल के जरिए सोशल मीडिया पर लाइव हुआ था, जहां उसने कहा था कि वह पुलिस का घेरा तोडक़र निकलने में कामयाब रहा और इस समय चढ़दीकला में है। वह पंजाब सरकार पर जहां सिख युवाओं पर अत्याचार किए जाने की बात कह रहा था। वहीं, उसने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से बैसाखी के मौके पर तख्त साहिब पर सरबत्त खालसा बुलाने की अपील की थी। बता दें कि भगोड़ा अमृतपाल अभी भी पंजाब पुलिस की पकड़ से दूर है। पुलिस उसकी तलाश में पंजाब समेत अन्य राज्यों में भी छापेमारी कर रही है। सीमा के लगे गांवों, बस स्टैंड समेत हर जगह सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
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