स्व आधारित राष्ट्र के नवोत्थान का संकल्प व (स्वयं अब जाकर हमको जगाना देश हैं अपना )ऐसे पवित्र भाव से नव संवत्सर के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देहरादून महानगर उत्तर के स्वयंसेवकों का पूर्ण गणवेश एकत्रीकरण कार्यक्रम परेड ग्राउंड में संपन्न हुआ जिसमें 70 बस्तियों 56 शाखाओं एवं 11 नगरों के राष्ट्रभक्त स्वयंसेवक सम्मिलित हुए।
एकत्रीकरण का उद्देश्य संघ कार्य में वृद्धि और स्वयंसेवकों के गुणात्मक विकास,राष्ट्र धर्म के कार्यों में निरंतर सक्रियता बनी रहे इस निमित्त एकत्रीकरण रखा गया । बतौर मुख्य वक्ता डॉक्टर शैलेन्द्र जी प्रांत प्रचारक उत्तराखंड व महानगर संघचालक चंद्रगुप्त विक्रम मंच पर उपस्थित रहे। मातृ शक्ति के साथ सामान्य समाज से गणमान्य लोग कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
इस दौरान मुख्य वक्ता डा. शैलेन्द्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत उत्सवों का देश है पर संघ अपने स्थापना से ही जनमानस के मन में सांस्कृतिक रूप से प्रभावी होने लगा। आपातकाल के दौरान घोर अत्याचार कर संघ कार्य को समाप्त करने का प्रयास भी हुआ किन्तु संघ कार्य निरंतर आगे बढ़ता रहा है। संघ कार्य का एक स्वरूप में आपके सम्मुख है। समाज में संगठन के कार्य में अनवरत कार्य कर रहा है अब संघ आज देश व्यापी नहीं अपितु विश्वव्यापी हो गया है। आज विश्व कब 50 देशों में अपना कार्य चल रहा है संघ कार्य को बढ़ाने के लिए प्रचारकों की एक लंबी शृंखला खड़ी है।
संघ कार्य को प्रत्येक घर तक पहुँचाना चाहिए प्रत्येक स्वयंसेवक को संघ कार्य में जोड़ना चाहिए आज संघ के नवीन व पुराने कार्यकर्ताओं को स्वयं सेवकों को सक्रिय करना चाहिए पुराने स्वयं सेवकों को नवीन एवं नए स्वयसेवकों को अपने अनुभवों से उनकी शक्ति और सामर्थ्य बढ़ाना चाहिए तथा पुराने वरिष्ठ स्वयंसेवकों के प्रति श्रद्धाभाव व्यक्त करें।
आज पर्यावरण ,परिवार प्रबोधन सामाजिक समरसता पर प्रत्येक स्वयं सेवक को कार्य करना चाहिए समाज में अनेक प्रकार से लोग जुड़ते हैं किन्तु भेद वर्ण धर्म जाति के आधार पर नहीं जुड़ते वह मात्र राष्ट्रीयता की भावना से संघ कार्य में जुड़ते हैं। हमें सब को साथ लेकर आगे बढ़ना ही है। इसी से ही कार्य की स्वीकारता बढ़ेगी आज धार्मिक यात्राओं पर लोगों की आस्था बढ़ी है। विभिन्न देवी देवताओं के मंदिरों की यात्राओं में युवाओं की भूमिका बड़ी है कि आज भारत अनेकों मोर्चों पर विश्व का नेतृत्व कर रहा हैं।
भारत पुनः विश्वगुरु के स्थान पर स्थापित हो रहा है। चाहे योग हो अध्यात्म हो शाकाहार हो। भारतीय विचार हिंदुत्व की विश्व में स्वीकार्यता बढ़ती जा रही है। चाहे पुष्कर जाओ चाहे वृन्दावन जाओ हरिद्वार चले जाओ ऋषिकेश जाओ वहाँ विदेशियों की आध्यात्मिक आस्था देखते ही बनती है। वह किस प्रकार अपने पूर्वजों को ढूंढ रहे हैं। भारत की कुटुंब व्यवस्था व भारत की वसुदैव कुटुम्बकम के विचार की प्रशंसा पूरे विश्व में होती है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान ने कहा था कि अगर विश्व में शांति स्थापित करना चाहते हैं तो भारत के विचार को मानना पड़ेगा। दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला धर्म हिंदुत्व है। कोरोना महामारी के दौरान संघ के स्वयंसेवकों ने अनेकों सेवा कार्य किए। संघ के स्वयंसेवकों को लेकर समाज के अन्य लोगों को भी सेवा कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। आज अनेकों देशों के प्रमुख दायित्व पर भारतवंशी आसीन हैं। न्यूज़ीलैंड की संसद में भारतीय भारतवंशी सांसद डॉक्टर गौरव ने संस्कृत में शपथ ली। हाथ में कलावा और सधी हुई चाल से जब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने प्रधानमंत्री की कुर्सी सँभाली तो भगवत गीता पर हाथ रखकर शपथ ली।
कार्यक्रम का संचालन महानगर कार्यवाह अरुण शर्मा ने किया कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर ओमप्रकाश सिंह नेगी ने की इस अवसर पर कार्यक्रम में प्रांत व्यवस्था प्रमुख सुरेन्द्र मित्तल, प्रांत सह व्यवस्था प्रमुख नीरज मित्तल, विभाग कार्यवाह अनिल नंदा, महानगर कार्यवाह अरुण, राजेश सेठी, भानू , महानगर प्रचारक राकेश, प्रचार प्रमुख प्रेम बलदेव पराशर, सुमन, अखंड, संदीप, विक्रम, सुरेंद्र, गोविंद, अरविंद कपिल, गंभीर आदि उपस्थित रहे।
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