महिला विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने वाली भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने अपने स्वर्ण पदक जीतने वाले ‘गोल्डन पंच’ का श्रेय बाबा नीब करौरी को दिया है।
इस प्रकार भारतीय मुक्केबाज लवलीना भी स्टीव जॉब्स, मार्क जुकरबर्ग, ओबामा और विराट कोहली जैसे उन विशेष शख्सियतों की सूची में शामिल हो गई हैं, जिन्होंने अपने बुरे वक्त में बाबा नीब करौरी को याद किया और उन्हें बाबा की कृपा से बड़ी सफलता मिली।
बाबा नीब करौरी के दर्शनों के लिए नैनीताल पहुंचीं लवलीना ने खुद बताया किया कि महिला विश्व चैंपियनशिप के दौरान उन्होंने बाबा नीब करौरी से अपनी जीत की मन्नत मांगी थी और स्वर्ण पदक जीतने के बाद उनके कैंची धाम आने का वादा किया था। इसलिए ही वह यहां आई हैं। लवलीना आज 9 अप्रैल को कैंची धाम बाबा नीब करौरी के दर्शन करने पहुंची हैं। कैंची धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच उन्होंने आम श्रद्धालु की तरह बाबा नीब करौरी की बैठी मुद्रा में कंबल ओढ़े जीवंत सी नजर आने वाली मूर्ति और समाधि के दर्शन कर आशीर्वाद लिया।
उल्लेखनीय है कि लवलीना ने महिला विश्व चैंपियनशिप के 70-75 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय हैं। लवलीना ने ऑस्ट्रेलिया की कैटलिन पार्कर को जजों की समीक्षा में 4-3 से पराजित किया। इससे पहले वह विश्व चैंपियनशिप में 2018 और 2019 में कांस्य पदक ही जीत पाई थीं। जबकि पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों में 66 से 70 किलोग्राम भार वर्ग के क्वार्टर फाइनल में ही हारकर बाहर हो गई थीं। जबकि इससे पहले टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। यानी वह इन दिनों बुरे दौर से गुजर रही थीं।
लवलीना की सफलता के पीछे पहले से नैनीताल-
लवलीना की कड़ी मेहनत और इस सफलता के पीछे नैनीताल के अभिषेक साह का भी योगदान रहा है। अभिषेक लवलीना को गुवाहाटी में इंटरमीडिएट ट्रेंनिग के दौरान कोचिंग दे चुके हैं। उन्होंने पहले ही विश्वास जताया था कि वह देश के लिए महिला विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक भी जीत सकती हैं। वर्तमान में राष्ट्रीय कोच और पूर्व में साई सेंटर गुवाहाटी में असिस्टेंट कोच रहे अभिषेक ने बताया कि 2014 से 2019 के बीच पांच वर्ष लवलीना को उन्होंने इंटरमीडिएट यानी माध्यमिक स्तर की कोचिंग दी है। उनमें काफी क्षमताएं हैं। वह शिवा थापा और मैरीकॉम के क्षेत्र से आती हैं।
उल्लेखनीय है कि अभिषेक नगर के तल्लीताल के निवासी हैं। उनके पिता दीप लाल साह जिला न्यायालय में प्रशासनिक अधिकारी के पद पर कार्यरत रहे। वह देश के लिए खेलते हुए जर्मनी भी गए। उनकी यूपी पुलिस में नौकरी भी लग गई थी, लेकिन वह नौकरी छोड़ साई यानी स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया से जुड़े। वर्तमान में वह साईं के नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस रोहतक में बॉक्सिंग कोच है। उन्होंने अपना बॉक्सिंग कैरियर 1996 में महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज देहरादून से शुरू किया था। यहां से निकलने वाले अभिषेक पहले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रहे। वह ऑल इंडिया इंटर युनिवर्सिटी के गोल्ड मेडलिस्ट भी रह चुके है। उन्होंने 3 बार एलाइट नेशनल चैंपियनशिप में भी पदक जीते है। वह 2008 में नेशनल कैम्प के कोर ग्रुप में भी भागीदारी कर चुके हैं।
कैंची में हालात हुए डरावने
कैंची धाम में श्रद्धालुओं के भारी संख्या में उमड़ने से हालात डरावने नजर आ रहे हैं। यहां खासकर सुबह के समय मंदिर के गेट खुलने से पहले ही श्रद्धालु भारी संख्या में संकरे पुल पर एकत्र हो रहे हैं। इससे कभी कोई भगदड़ मचने जैसी स्थिति से भी इंकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा पुल के पास श्रद्धालु नीचे उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी में उतरकर नदी में नहा भी रहे हैं। यह प्रवृत्ति बढ़ने पर आगे जानलेवा भी साबित हो सकती है। इन अव्यवस्थाओं को रोकने के लिए कैंची धाम में अभी पर्याप्त पुलिस व प्रशासनिक व्यवस्थाओं की कमी भी बुरी तरह से खल रही है। इन स्थितियों को सुधारने की आवश्यकता है।
टिप्पणियाँ