कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राज में राजनीतिक प्रतिशोध का यह बर्बर वाकया नैतिकता के गाल पर तमाचा है। भारतीय जनता पार्टी के शनिवार को जारी वीडियो में चार महिलाएं जमीन पर रेंगती (घिसटती) हुए, दंडवत करते हुए दिख रही हैं। दावा किया गया है कि इनका कुसूर सिर्फ इतना है कि चारों ने हाल ही में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। इन्हें सिर्फ इसलिए यह सजा दी गई। यह घटना दक्षिण दिनाजपुर जिले के बालूरघाट की है।
इन चारों महिलाओं को सजा के तौर पर एक किलोमीटर तक तृणमूल कांग्रेस के दफ्तर तक जमीन पर रेंगने को मजबूर किया गया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया है।
मजूमदार ने लिखा है कि चारों महिलाएं जनजातीय समुदाय की हैं। इस घटना से एक बार फिर ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस का जनजातीय समुदाय के प्रति नफरत और बर्बरता का चेहरा उजागर हुआ है। भाजपा अपने कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए हर महत्वपूर्ण कदम उठाएगी।
अमित मालवीय ने ट्वीट किया है-‘वीडियो में रेंगती दिख रहीं ये महिलाएं किसी जनजातीय प्रथा का पालन नहीं कर रही हैं। उन्हें भाजपा में शामिल होने की सजा स्थानीय तृणमूल नेतृत्व ने दी है। ममता के शासन में पश्चिम बंगाल को बर्बाद किया जा रहा है।’
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