केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऑक्सफैम इंडिया के खिलाफ विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन के लिए सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं।
सूत्रों के मुताबिक ऑक्सफैम इंडिया अधिनियम लागू होने के बाद भी विभिन्न संस्थाओं को प्राप्त विदेशी फंड ट्रांसफर कर रहा था। ऑक्सफैम इंडिया सामाजिक गतिविधियों के लिए एफसीआरए अधिनियम 2010 के तहत पंजीकृत था और 31 दिसंबर 2021 के बाद उसके पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं किया गया।
ऑक्सफैम इंडिया ने विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2020 के लागू होने के बाद भी विदेशी अंशदान को विभिन्न संस्थाओं को हस्तांतरित करना जारी रखा था। इसके नियम इस तरह के हस्तांतरण को प्रतिबंधित करते हैं। यह संशोधन 29 सितंबर, 2020 को लागू हुआ था।
आईटी सर्वेक्षण से हुए खुलासे
सूत्रों के अनुसार केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की ओर से किए गए आईटी सर्वेक्षण के दौरान पाए गए एक ईमेल से पता चलता है कि ऑक्सफैम इंडिया एफसीआरए- पंजीकृत अन्य संघों को धन भेजकर एफसीआरए, 2010 के प्रावधान को दरकिनार करने की योजना बना रहा था। जांच के दौरान यह भी पता चला कि ऑक्सफैम इंडिया अपने लाभ के लिए पैसों को अलग-अलग बैंक अकाउंट में रखने की योजना बना रहा था। वहीं, ऑक्सफैम इंडिया को विदेशी संगठनों से भी फंडिंग प्राप्त हो रही थी।
सूत्रों ने कहा कि सामाजिक गतिविधियों के लिए पंजीकृत ऑक्सफैम इंडिया ने कथित तौर पर कमीशन के रूप में अपने सहयोगियों और कर्मचारियों के माध्यम से सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) को धन भेजा। उन्होंने कहा कि इन निष्कर्षों के बाद, गृह मंत्रालय ने ऑक्सफैम इंडिया के कामकाज की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की। हालांकि इस मामले में ऑक्सफेम की तरफ से तत्काल कोई प्रतिक्रिया समाने नहीं आई है।
अमन बिरादरी के खिलाफ भी सीबीआई जांच के दिए थे आदेश
बता दें कि इससे पहले 20 मार्च को गृह मंत्रालय ने लेखक और मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर की ओर से स्थापित एनजीओ अमन बिरादरी के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। ऑक्सफैम इंडिया का एफसीआरए लाइसेंस जनवरी 2022 में निलंबित कर दिया गया था, जिसके बाद एनजीओ ने गृह मंत्रालय में पुनरीक्षण याचिका दायर की थी।
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