भारत और हिंदू विरोधियों का गढ़ बना लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, भारतीय छात्रों ने सोशल मीडिया पर सुनाई आपबीती
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भारत और हिंदू विरोधियों का गढ़ बना लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, भारतीय छात्रों ने सोशल मीडिया पर सुनाई आपबीती

भारतीय छात्र को लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रताड़ित करने तथा भेदभाव की घटना दुर्भाग्यपूर्ण : विद्यार्थी परिषद

by WEB DESK
Apr 5, 2023, 05:34 pm IST
in दिल्ली
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लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) में पोस्ट-ग्रेजुएट की पढ़ाई कर रहे एक भारतीय छात्र करण कटारिया (22) ने आरोप लगाया है कि कैंपस में प्रचलित भारत विरोधी बयानबाजी और हिंदूफोबिया के कारण उसे ‘व्यक्तिगत, दुष्ट और लक्षित’ हमलों का सामना करना पड़ा है। गुरुग्राम के रहने वाले करण ने कहा कि उसे उसकी ‘भारतीय और हिंदू पहचान’ के कारण एलएसई छात्र संघ (एलएसईएसयू) के महासचिव की उम्मीदवारी से अयोग्य घोषित कर दिया गया।

वहीं अब इस मामले को लेकर भारत के छात्र-छात्राओं के सबसे बड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि, “लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में भारतीय छात्र के साथ उनकी राष्ट्रीयता तथा वैचारिकी के लिए दुर्भावनापूर्ण व्यवहार तथा प्रताड़ित किया जाना निंदनीय है। शैक्षणिक संस्थानों में छात्र-छात्राओं का स्थान महत्वपूर्ण हितधारक का है। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स जैसे शैक्षणिक संस्थान को किसी भी छात्र के साथ उसकी वैचारिकी, पसंद-नापसंद या राष्ट्रीयता के आधार पर भेदभाव न हो, यह सुनिश्चित करना चाहिए तथा परिसर में लोकतांत्रिक मूल्यों व विविधता के सम्मान के लिए मजबूती से खड़ा होना चाहिए। भारतीय छात्र समुदाय के सबसे महत्वपूर्ण प्रतिनिधि के रूप अभाविप, वैश्विक छात्र समुदाय से करण कटारिया के साथ लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप व्यवहार किए जाने के पक्ष में खड़े होने का आह्वान करती है।”

क्या है पूरा मामला

करण ने कहा है कि, ‘‘दुर्भाग्य से, कुछ लोग एक भारतीय-हिंदू को एलएसईएसयू का नेतृत्व करते हुए नहीं देख सकते थे और मेरे चरित्र और पहचान को बदनाम करने का सहारा लिया, जो स्पष्ट रूप से खतरनाक संस्कृति के अनुरूप था जो हमारे सामाजिक समुदायों को बदनाम कर रही है।’ सभी राष्ट्रीयताओं के छात्रों से अपार समर्थन प्राप्त करने के बावजूद, उन्हें एलएसईएसयू के महासचिव चुनाव से अयोग्य घोषित कर दिया गया। उनके अनुसार, उनके खिलाफ कई शिकायतें शुरू की गईं और उन पर होमोफोबिक, इस्लामोफोबिक, क्वीरफोबिक और हिंदू राष्ट्रवादी होने का आरोप लगाया गया।

कटारिया ने कहा, ‘इस घृणित अभियान को शुरू करने वाले गलत काम करने वालों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने के बजाय, एलएसईएसयू ने मेरे खिलाफ कोई सबूत दिए बिना अलोकतांत्रिक रूप से मेरी उम्मीदवारी रद्द कर दी।’ उन्होंने यह भी कहा कि पिछले मतदान के दिन, भारतीय छात्रों को उनकी राष्ट्रीय और हिंदू धार्मिक पहचान के लिए धमकाया गया और निशाना बनाया गया। छात्रों ने इस मुद्दे को उठाया, लेकिन एलएसईएसयू ने दबंगों के खिलाफ कार्रवाई न कर इसे अलग कर दिया।

वहीं एलएसई की एक अन्य छात्रा तेजस्विनी शंकर ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो के जरिए आरोप लगाया कि छात्र संघ चुनाव में कटारिया का समर्थन करने के लिए उसे निशाना बनाया जा रहा है। तेजस्विनी ने वीडियो में कहा कि “मेरी धार्मिक पहचान और छात्र संघ चुनाव में एक दोस्त का समर्थन करने के लिए मुझे निशाना बनाया गया और ताना मारा गया। छात्र संघ ने उचित कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। यह अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के उच्चतम स्तर पर बदमाशी और उत्पीड़न है जो खुद को समावेशिता और विविधता पर गर्व करते हैं और मैं उसी के संबंध में एलएसई द्वारा निष्क्रियता की कड़ी निंदा करती हूं”।

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