पश्चिम बंगाल के अलग-अलग हिस्सों में रामनवमी शोभायात्रा पर हुई हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रामाणिक ने ममता सरकार पर हमला बोला है। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था का बुरा हाल है। दंगाई खुलेआम हिंसा करते दिखाई दे रहे हैं, लेकिन उनमें कानून का कोई डर दिखाई नहीं दे रहा। मैं कहना चाहता हूं कि हिंसा रोकने में राज्य सरकार पूरी तरह विफल रही है। पूरे देश ने देखा कि बंगाल किस तरह से जल रहा था और सरकार चुपचाप देख रही थी। उन्होंने कहा कि बंगाल शांति और सद्भाव के लिए जाना जाने वाला राज्य है, लेकिन दुख है कि आज क्या हो रहा है। मैं एक जिम्मेदार पद पर हूं। मेरी बोलने की एक अपनी सीमा है, लेकिन एक बात है कि इस घटना में जो भी दोषी हैं, सरकार उन पर जल्द से जल्द कार्रवाई करे।
धारा 355 लगाने की मांग
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने रिसरा और हावड़ा हिंसा को लेकर कहा कि यहां धारा 355 लागू की जाए। हिंसा प्रभावित इलाकों को केंद्रीय वाहिनी के नेतृत्व में लाया जाए। साथ ही कम से कम एक महीने के लिए इन इलाकों का जिम्मा केंद्रीय बलों के हाथों में हो। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस एक समुदाय विशेष को वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करती है। ममता बनर्जी अच्छी तरह जानती हैं कि वह इस समुदाय के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आर्थिक और सामाजिक विकास नहीं करा पाई हैं। इसलिए 2021 में एनआरसी की झूठी धमकी देकर भारी मतों से सत्ता में आ गईं। सागरदिघी चुनाव-उपचुनाव के बाद उन्हें अहसास हुआ कि पश्चिम बंगाल में बहुसंख्यक-अल्पसंख्यक ही नहीं, हर जागरूक नागरिक ममता बनर्जी को हराना चाहता है। स्वाभाविक रूप से इसी डर से ममता बनर्जी अपने स्थानीय नेताओं के साथ मिलकर यह काम कर रही हैं।
पुलिस कर रही एकतरफा कार्रवाई
खबरों के अनुसार हिंसा को लेकर राज्य पुलिस चुन चुनकर हिन्दुओं पकड़ रही है। उनके घरों में छापेमारी की जा रही है। हिन्दुओं को परेशान किया जा रहा है। इलाके के हिन्दू डरे और भयभीत हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ममता सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हिंसा में दोषी मुसलमानों को पुलिस नहीं पकड़ रही है जबकि हिन्दुओं को चुन चुनकर पकड़ा जा रहा है।
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