कुमायूं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी के पर्वतीय उत्थान मंच में पहली बार महिला रामलीला का मंचन हो रहा है। पुनर्नवा महिला समिति के द्वारा शुरू की गई इस रामलीला का शुभारंभ केंद्रीय पर्यटन, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने किया। अभी तक रामलीलाओं के मंचन में पुरुष कलाकारों का ही वर्चस्व रहता आया है। मंच पर सीता, कैकेई और अन्य महिलाओं के पात्र भी पुरुष ही निभाते आ रहे थे, लेकिन हल्द्वानी की महिलाओं ने इस परंपरा को तोड़ते हुए सभी पात्र, यहां तक की पुरुषों के पात्र भी महिलाएं निभाती नजर आईं।
शानदार और सजीव अभिनय के साथ यह मंचन दर्शकों को अपनी तरफ खींच रहा है। विशेषकर महिलाएं बड़ी संख्या में इस रामलीला को देखने और महिला कलाकारों का उत्साह बढ़ाने पहुंच रही हैं। उल्लेखनीय है कि कुमाऊनी रामलीला में पात्रों को अपने संवाद, गद्य और पद्य में खुद ही गाने पड़ते हैं, जिसके लिए महिला कलाकारों ने कई हफ्तों तक रिहर्सल की है।
जानकारी के मुताबिक 10 साल से 70 साल की करीब 60 महिलाओं ने इस रामलीला मंचन के लिए रिहर्सल की। उनके वस्त्रों, श्रृंगार और गायन पर भी अलग-अलग टीमों ने काम किया है। एक वक्त ऐसा भी था जब महिलाओं को मंदिर जाने के लिए रूढ़िवादी परंपराओं से जूझना पड़ता था। आज इस रामलीला को देखकर सभी दर्शकों ने इसे बड़े बदलाव का संकेत भी दिया।
रामलीला का शुभारंभ करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट ने इस आयोजन को महिला सशक्तिकरण का सराहनीय प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि मातृ शक्ति का ये रामलीला मंचन कई अन्य महिलाओं के लिए अभिनय के द्वार खोलेगा। उन्होंने बताया कि थियेटर फिल्मी दुनिया के लिए कलाकारों के पहली सीढ़ी रामलीला मंचन ही होती है।
महिला स्वयं सहायता समूह ने लगाए स्टॉल
कार्यक्रम आयोजन स्थल के पास क्षेत्र की महिलाओं के द्वारा अपने स्वयं सहायता समूह के कई स्टाल लगाकर अपने उत्पादों की बिक्री भी की जा रही है। बड़ी संख्या में महिलाएं यहां पहुंचकर ऑर्गेनिक उत्पादों की खरीददारी भी कर रही हैं।
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