अतीक अहमद के भाई एवं पूर्व विधायक अशरफ को बरेली जेल से अभी तक पुलिस लेकर रवाना नहीं हो पाई है। काफी विलंब हो गया है इसलिए आज न्यायालय में पेशी नहीं हो पाएगी। बरेली से प्रयागराज आने में कम से कम आठ घंटे लगेंगे। अशरफ को अब सोमवार को ही न्यायालय में पेश किया जा सकेगा। अशरफ को लेने के लिए प्रयागराज जनपद की पुलिस बरेली पहुंच गई थी। मौसम खराब होने के कारण पुलिस शनिवार की सुबह अशरफ को लेकर प्रयागराज जनपद के लिए निकलने वाली थी मगर उसमें भी विलम्ब होता चला गया।
बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड में अशरफ पर षड्यंत्र रचने का आरोप है। प्रयागराज के जनपद न्यायालय से अशरफ का बी वारंट जारी किया गया है। अशरफ को जेल से बाहर जान का खतरा महसूस हो रहा है। अशरफ जेल में ही रहना चाहता है। अभी हाल ही में पेशी पर जब उसे प्रयागराज लाया गया था तब उसने आरोप लगाया था कि “जेल में जब तक हूं, तब तक सुरक्षित हूं। बाहर निकलने पर जान का खतरा है, मैं विधायक रहा हूं, हमसे मिलने वाले कई लोग हैं। सद्दाम हमारा सगा रिश्तेदार हैं। आज साले का नाम ले रहे हैं, कल किसी और का नाम लेंगे।”
अशरफ का साला सद्दाम फरार है। बरेली के बिथरी थाने में दर्ज रिपोर्ट में भी नामजद है। बरेली पुलिस की एसआईटी के साथ ही प्रयागराज पुलिस भी उसकी तलाश कर रही है। पुलिस का कहना है कि अशरफ और सद्दाम एक-दूसरे के राजदार हैं। इस लिहाज से अशरफ से पूछताछ आवश्यक है। सीजेएम कोर्ट में पेश कर अशरफ को रिमांड पर मांगा जाएगा। अगर न्यायालय से रिमांड स्वीकृत की मिल जाती है तो अशरफ से पूछताछ की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि गत 24 फरवरी को उमेश पाल और दो गनर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल, बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह थे। 5 जुलाई 2007 को उमेश पाल ने प्रयागराज के थाना धूमनगंज में अपने अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई थी। उमेश पाल के अपहरण के मामले में अतीक अहमद, दिनेश पासी और सउलत हनीफ को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है।
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