भारतीय सेना में अग्निवीर बनाने के नाम पर ठगी करने वाले तीन अभियुक्तों को वाराणसी कैंट पुलिस ने इमलिया घाट के पास से गिरफ्तार किया है। सेना में भर्ती के नाम पर बलिया निवासी अंशु यादव से 1.7 लाख रुपये की ठगी का आरोप है। आरोपियों के पास से अंशु यादव के शैक्षणिक प्रमाण पत्र और 70 हजार रुपये पुलिस ने बरामद किया है। आरोपियों की पहचान सिंधौरा क्षेत्र के जयशंकर, गजोखर परसरा के चंदन कुमार और गरथरा निवासी विकास मौर्या के रूप में हुई है। तीनों को जेल भेज दिया गया है।
बलिया जिले के रेपुरा गांव निवासी अंशु कुमार यादव बीते वर्ष सेना भर्ती में शामिल हुआ था। अंशु यादव ने दौड़ निकाल लिया और मेडिकल टेस्ट में बाहर हो गया था। अंशु का आईडी पासवर्ड वाराणसी के ही सेना भर्ती कार्यालय में बंद कर दिया गया था। दो मार्च को बलिया से वह वाराणसी सेना भर्ती कार्यालय आया। सेना भर्ती कार्यालय के पास उसे जयशंकर मिला। जयशंकर ने बताया कि वह अधिकारी का ड्राइवर है। अंशु को उसने झांसा दिया कि दौड़ में तुम पास हो गए थे, मैं तुम्हारा सेना में करा दूंगा। जयशंकर ने उससे शैक्षणिक दस्तावेज भी ले लिया। धीरे – धीरे षड्यंत्र के तहत अंशु से एक लाख 70 हजार रुपये एकाउंट में मंगवाया। 30 हजार रुपये और मांगने पर अंशु को शक हुआ। उसने कैंट थाने में इसकी शिकायत की।
जयशंकर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सब इंस्पेक्टर सौरभ पांडेय को जांच सौंपी गई। जयशंकर के मोबाइल नंबर से उसके बैंक एकाउंट चिंहित कर जांच में सत्यता पाया गई। शनिवार को सब इंस्पेक्टर मनीष मिश्रा और उनकी टीम ने इमलिया घाट के पास से जयशंकर और उसके दो साथी विकास और चंदन को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार जयशंकर सेना भर्ती के दौरान सफाई का काम करता था। नगर निगम की ओर से उसे संविदा पर भर्ती किया गया था। यही से उसने अभ्यर्थियों को ठगने की योजना बनाई। जयशंकर इंटर पास है और सेना भर्ती की तैयारी भी कर रहा था। ठगी के काम में उसने दो दोस्तों को भी जोड़ लिया।
टिप्पणियाँ