रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना के अंतर्गत चिनाब दरिया पर बन रहे विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज का निरीक्षण किया। इस दौरान रेल मंत्री ने पुल पर बिछाई गई पटरी पर ट्रॉली ट्रायल रन का भी रियासी में सफल परीक्षण किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि दिसंबर-जनवरी तक इन पटरियों पर ट्रेनें दौड़ना शुरू हो जाएंगी।
उन्होंने कहा कि रेल के माध्यम से देश के अन्य हिस्सों को कश्मीर घाटी के साथ जोड़ने में पुल अहम भूमिका अदा करेगा। इस दौरान केंद्रीय रेल मंत्री ने चिनाब ब्रिज पर भूमि पूजन भी किया। पुल के निरीक्षण दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ बातचीत भी की। उन्होंने कहा कि आज एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि चिनाब पुल पर ट्रॉली चलाई गई और कई सुरंगों का भी निरीक्षण किया जा रहा है। 2014 से पहले ऐसी परियोजनाओं के लिए 700-800 करोड़ रुपये आवंटित किए जाते थे, लेकिन आज इस परियोजना के लिए 6,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
उधमपुर-श्रीनगर बारामुला रेल लिंक कुल 272 किलोमीटर लम्बा है। कटड़ा से बनिहाल की दूरी 111 किलोमीटर है। पुल बनाने का काम वर्ष 2004 में शुरू हुआ था। पुल की ऊंचाई दरिया चिनाब से कुल 359 मीटर है, जो एफिल टॉवर से 35 मीटर ज्यादा है। पुल की कुल लंबाई 1.3 किलोमीटर है, जिस पर ट्रेन गुजरेगी। अधिकारियों के अनुसार पुल का निर्माण सभी प्रकार की भौगोलिक और तकनीकी परिस्थितियों को ध्यान में रख कर किया जा रहा है। इस पर चलने वाली तेज हवाएं भी असर नहीं करेगी। अत्यधिक तापमान और भूकंप से भी इस पर कोई असर नहीं होगा।
रेल मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में परियोजना को प्राथमिकता दी गई है। वर्ष 2014 से इसे बनाने के लिए बजट को छह गुना बढ़ाया गया है। आने वाले वर्ष में रेल के जरिये घाटी को जम्मू के साथ जोड़ा जाएगा। इसका लाभ जम्मू-कश्मीर में आने वाले सभी सैलानियों को होगा। सैलानी अन्य स्थानों की खूबसूरती को भी निहार सकेंगे।
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