प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में अंगदान के विषय को उठाया। उन्होंने कहा कि देश में अब अंगदान के प्रति जागरुकता बढ़ रही है और उन्हें संतोष है कि इसे आसान बनाने के लिए देशभर में एक जैसी नीति पर काम हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 99वें एपिसोड में कहा कि अंगदान को प्रोत्साहित और आसान बनाने के लिए राज्यों की ‘डोमिसाइल’ शर्त को हटाने का निर्णय लिया गया है, ताकि देश के किसी भी राज्य में जाकर मरीज अंग प्राप्त करने के लिए खुद को रजिस्टर करवा सके।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान अंगदान करने वाले लोगों के परिजनों से भी संवाद किया। इसमें अमृतसर में जन्म के 39 दिन के बाद ही अपनी बेटी को खो देने वाले माता-पिता सुप्रीत कौर और सुखबीर सिंह भी शामिल हैं। इनकी बेटी अबाबत कौर देश की सबसे यंग अंगदाता बन गई हैं। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान नारी शक्ति, सौर ऊर्जा और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पर अपने विचार रखे।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान ‘मन की बात’ के 100वें एपीसोड के लिए भी लोगों के सुझाव मांगे। उन्होंने कहा कि उनके सुझाव 30 अप्रैल को होने वाले मन की बात के 100वें एपीसोड को यादगार बनायेंगे। उन्होंने कहा कि क्रिकेट में ‘नर्वस नाइंटिन’ को बहुत मुश्किल पड़ाव माना जाता है, लेकिन जहां भारत के जन-जन के मन की बात हो, वहां प्रेरणा ही कुछ और होती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति आज देश के सपनों की नई ऊर्जा प्रदान कर रही है। उन्होंने कॉम्बैट यूनिट में कमांड अपॉइंटमेंट पाने वाली पहली महिला वायुसेना अधिकारी शालिजा धामी, सियाचिन में तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनी शिवा चौहान, एशिया की पहली लोको पायलट सुरेखा यादव और भामा एटॉमिक रिसर्च सेंटर की वैज्ञानिक बहन ज्योतिर्मयी मोहंती का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि सुरेखा यादव वंदे भारत एक्सप्रेस की भी पहली महिला लोको पायलट बनी हैं। वहीं ज्योतिर्मयी मोहंती को रसायन और केमिकल इंजीनियर की फील्ड में आईयूपीएसी का विशेष पुरस्कार मिला है। उन्होंने नागालैंड में पहली बार महिला विधायकों की जीत और उनके मंत्री बनने का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में तेज होती प्रगति के बारे में कहा कि भारत जिस गति से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, वह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि सबका प्रयास की प्रेरणा ही भारत के सोलर मिशन को आगे बढ़ा रही है।
प्रधानमंत्री ने आगामी त्योहारों और भेदभाव के खिलाफ संघर्ष करने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की आगामी जयंती का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हम सभी को इन महापुरुषों से सीखना चाहिए।
उन्होंने ‘मन की बात’ में एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूती देने वाले प्रसंगों पर चर्चा की। उन्होंने काशी तमिल संगमम् और आगामी 17 से 30 अप्रैल के बीच आयोजित होने वाले सौराष्ट्र तमिल संगमम् पर बात की। लासित बोरफुकन की 400वीं जयंती से जुड़े कार्यक्रम का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि लासित बोरफुकन के जीवन पर आधारित निबंध लेखन अभियान में 45 लाख लोगों ने भाग लिया और यह एक गिनीज रिकॉर्ड बन चुका है। इस निबंध लेखन अभियान में 23 अलग-अलग भाषाओं में निबंध प्राप्त हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने कश्मीर में कमल के तने, जिन्हें कश्मीरी में नादरू कहते हैं के साथ-साथ फ्लोरीकल्चर यानी फूलों की खेती की दिशा में हासिल की जा रही उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के अरोमा मिशन से यहां की लैवेंडर फूल की खेती से करीब ढाई हजार किसान जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि नादरू को विदेश भेजा जा रहा है। यह सफलता कश्मीर का नाम तो कर रही है, साथ ही इससे सैकड़ों किसानों की आमदनी भी बढ़ रही है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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