खेल: वनवासी बेटियों की बेमिसाल कहानी, हौसला ऐसा कि दुनिया जीत लें

बरेली में आयोजित जूनियर गर्ल नेशनल हैंडबाल चैंपियनशिप में झारखंड की टीम ने किया शानदार प्रदर्शन

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अनुरोध भारद्वाज

बरेली। यूपी के बरेली में आयोजित जूनियर गर्ल नेशनल हैंडबॉल चैंपियनशिप में देशभर की बेटियों ने शानदार खेल दिखाकर सबके दिल जीते हैं। इनमें झारखंड से आईं वनवासी बेटियां भी हैं, जो कई तरह की मुश्किलों का सामना करने के बाद भी खेलों में अपना दमखम दिखा रही हैं। झारखंड की टीम बेहतर प्रदर्शन के बाद भी चैंपियनशिप में जीत का  सफर भले जारी नहीं रख सकी मगर राज्य की खिलाड़ी बेटियों ने राष्ट्रीय स्तर के हैंडबाल आयोजन में अपनी अच्छी छाप छोड़ी है।

झारखंड की बेटियां नेशनल हैंडबॉल चैंपियनशिन में शानदार खेल दिखाकर भी जीत की राह पर आगे नहीं जा सकीं मगर उनका दमखम भविष्य के लिए अच्छा संकेत है।

झारखंड की बेटियों की खेलों में उड़ान पूरी दुनिया देख चुकी है। ओलंपिक हों या एशियन और नेशनल गेम्स, झारखंड की खिलाड़ी लड़कियां हर बार आगे रहती हैं। यूपी के बरेली में शहर में हुई 45वीं जूनियर बालिका नेशनल हैंडबॉल चैम्पियनशिप में भी झारखंड की बेटियों का बेहतर खेल देकर हर कोई खुश दिखा है। झारखंड की टीम में शामिल भारती कुमारी बंकिरा, जूली कुमारी, वंशिका नरेड़ी, अंजली कुमारी, रिया ऋचा सोरेन, एलीशा हंशदक, शांति प्रिया हेम्ब्रोम, भारती कुमारी बाकिरा झारखंड के वनवासी समाज से ताल्लुक रखती हैं।

वनवासी बेटियों ने बताया कि सरकार जंगल क्षेत्र में शिक्षा,स्वास्थ्य के साथ खेलों के विकास पर तेजी से काम कर रही है और इससे ग्रामीण इलाकों में छिपी प्रतिभाएं लगातार सामने आ रही हैं।

वनवासी बेटियों ने बातचीत में कहा कि जंगल क्षेत्र में रहने की वजह से उनको शहरों की तरह अच्छी खेल सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। परिवार और समाज के स्तर पर भी कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, सरकार अब जंगल क्षेत्रों में कई तरह की योजनाएं चलाकर शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ खेलों के विकास पर भी जोर दे रही है तो उसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। झारखंड में वनवासी समाज के बेटियां और बेटे खेलों में अपना लोहा मनवा रहे हैं। हैंडबॉल चैंपियनशिप में भाग लेने झारखंड की टीम में 17 खिलाड़ी बेटियां बरेली आई है। टीम की कैप्टन ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली भारती कुमारी बंकिरा हैं। टीम में शामिल जिज्ञासा सिंह, वैष्णवी, रिद्धिमा सेन गुप्ता, काजू गुर्जा, नीतू सुथार, परिणीता सिंह, संजना कुमारी, रशप्रीत कौर,पूजा धाकर, नाज के खेल ने भी बाकी खिलाड़ियों की तरह अपने खेल से सबको प्रभावित किया है। झारखंड की टीम में कुछ खिलाड़ी जमशेदपुर शहर की है तो बाकी झारखंड के ग्रामीण एवं वन क्षेत्रों की रहने वाली हैं। यह बात अलग है कि प्रतियोगिता में झारखंड की टीम अच्छे प्रदर्शन के बाद भी आगे नहीं बढ़ सकी, मगर लगातार अच्छे प्रदर्शन का हौसला उनके अंदर साफ नजर आया है। झारखंड की बेटियों ने मैदान पर बार-बार ये शोर उठाया है कि हारना वह जानती नहीं और जीत की भूख को कभी खत्म नहीं होने देतीं। आज न सही तो कल अवश्य होगा उनका होगा।

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