गुवाहाटी। उनके ‘कर्म’ ने उन पर वार किया। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने शनिवार को लोकसभा से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की अयोग्यता पर टिप्पणी करते हुए यह बात कही। सीएम शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी अपने अहंकार की कीमत चुका रहे हैं। वह सोचते हैं कि वह कानून और संसद से ऊपर इस देश के सर्वोच्च व्यक्ति हैं और उन्हें भारत के किसी भी समुदाय के गौरव को ठेस पहुंचाने का अधिकार है।
कर्नाटक में 2019 के चुनाव के दौरान राहुल गांधी के भाषण का जिक्र करते हुए सीएम डॉ शर्मा ने कहा कि कई दशकों तक देश पर शासन करने वाली पार्टी का नेता कैसे देश के ओबीसी समुदाय को धोखेबाज और चोर बताकर उनका अपमान कर सकता है। यह जुबान फिसलने का परिणाम हो सकता है और किसी भी राजनेता के साथ हो सकता है, लेकिन कोई भी विनम्र और सज्जन राजनेता ऐसी गलतियों के तुरंत बाद माफी मांगेगा। लेकिन यह राहुल गांधी का अहंकार था कि उन्होंने 4 साल में माफी मांगना पसंद नहीं किया।
उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से न्यायपालिका का मामला है और अंतिम फैसला सुनाने से पहले न्यायपालिका ने अपना समय लिया। ऐसा नहीं है कि फैसला जल्दबाजी में सुनाया गया। फैसले के परिणामस्वरूप उन्हें लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया। फिर यह उनके ‘कर्म’ का फल था। सीएम शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अयोग्यता के फैसले के खिलाफ उन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा लाए गए अध्यादेश को खुद खारिज कर दिया था। अब कांग्रेस पार्टी बीजेपी पर आरोप लगाकर इसे राजनीतिक बनाना चाहती है। यदि आप निचली अदालत के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं, तो दरवाजा खुला है और आप ऊपरी अदालतों में जा सकते हैं। यह राहुल गांधी का अहंकार है कि उन्होंने देश के ओबीसी समुदाय का अपमान करने के लिए अदालत में दोषी ठहराए जाने के बाद भी माफी नहीं मांगी।
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