नई दिल्ली। केन्द्र सरकार का कहना है कि पूर्वोत्तर भारत की सुरक्षा स्थिति पहले की तुलना में बेहतर हुई है। इसलिए केन्द्र सरकार नागालैंड, असम और मणिपुर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्पा) के तहत अशांत क्षेत्रों के दायरे को कम करने जा रही है।
इस संबंध में गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के लगातार प्रयासों से पूर्वोत्तर भारत की सुरक्षा स्थिति में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। भारत सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम के तहत दशकों बाद अप्रैल 2022 से नागालैंड, असम और मणिपुर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्पा) के तहत अशांत क्षेत्रों को कम किया था। इस दिशा में आज एक और महत्वपूर्ण निर्णय करते हुए इन तीनों राज्यों (नागालैंड, असम और मणिपुर) में फिर से, 1 अप्रैल, 2023 से अफस्पा के तहत अशांत क्षेत्रों में और कमी की जा रही है।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह निर्णय उत्तर-पूर्व भारत की सुरक्षा स्थिति में आये उल्लेखनीय सुधार को देखते हुए लिया गया है। उत्तर पूर्व की सुरक्षा, शांति और विकास को प्राथमिकता देने का काम पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुआ, आज उसके परिणामस्वरूप पूर्वोत्तर शान्ति और विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले 4 वर्षों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में उत्तर-पूर्व राज्यों में कई शांति समझौते लागू किए गए, जिससे अधिकांश उग्रवादी समूहों ने देश के संविधान और मोदी सरकार की नीतियों में विश्वास जताते हुए हथियार डाले और उत्तर पूर्व की शांति और विकास में सहभागी बने। वर्ष 2014 से अभी तक लगभग 7000 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।
गृह मंत्रालय का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए प्रभावी कदम से उत्तर-पूर्वी राज्यों में सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। यहां विकास में तेजी आयी है। वर्ष 2014 की तुलना में, वर्ष 2022 में उग्रवादी घटनाओं में 76 फीसदी की कमी आई है। उसी प्रकार इस अवधि में सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की मृत्यु में क्रमश: 90 फीसदी और 97 फीसदी की कमी आई है।
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