भारत, अमेरिका, ब्रिटेन व कुछ अन्य देषों के बाद अब फ्रांस में भी चीन के एप टिकटॉक को प्रतिबंधित करने की तैयारी हो चुकी है। फ्रांस की सरकार की तरफ से जल्दी ही इस आशय की घोषणा होने वाली है। अब उस देश में भी सरकारी अधिकारी इस एप को इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। इस एप पर चीन के लिए जासूसी करने के आरोप लगे हैं।
फ्रांस में इस सख्त कदम को उठाने की मांग अंदर ही अंदर कई दिनों से उठ रही थी। एक नहीं, अनेक देश इस एप की चीन सरकार के लिए जासूसी करने की शरारत का संदेह है। यही वजह से है भारत, अमेरिका और ब्रिटेन काफी पहले इस टिकटॉक एप को प्रतिबंधित करने वाला है।
फ्रांस के मंत्री स्टानिस्लास गुएरिनी ने कल एक ट्वीट करके कहा कि साइबर सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए फ्रांस की सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के फोन में टिकटॉक जैसे एप को प्रतिबंधित करने का निर्णय कर लिया है।
फ्रांस के एक प्रसिद्ध समाचार चैनल की रिपोर्ट बताती है कि मूल चीनी कंपनी बाइटडांस के एप टिकटॉक के जरिए चीन की सरकार इसके उपयोगकर्ताओं की गुपचुप निजी जानकारी चुरा रही है। उनके संपर्क डेटा तक पहुंच बना रही है।
चीन के इस वीडियो साझा करने वाले एप टिकटॉक पर फ्रांस में भी प्रतिबंध लगेगा, इसमें अब कोई संदेह नहीं रह गया है। गुएरिनी के ट्वीट के बाद, सरकारी कर्मचारियों के लिए टिकटॉक से दूरी रखने का आदेश पारित होना तय हो चुका है। टिकटॉक एप वहां की साइबर सुरक्षा के लिए खतरनाक माना गया है।
इससे पहले इस एप पर जासूसी का संदेह करते हुए भारत ने प्रतिबंध लगाया था। इसके अलावा भारत ने मैसेजिंग एप वीचैट तथा अन्य कई चीनी एप प्रतिबंधित किए हैं। उधर ब्रिटिश संसद ने भी इस एप को सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए इस पर पाबंदी लगाई थी।
फ्रांस के एक प्रसिद्ध समाचार चैनल की रिपोर्ट बताती है कि मूल चीनी कंपनी बाइटडांस के एप टिकटॉक के जरिए चीन की सरकार इसके उपयोगकर्ताओं की गुपचुप निजी जानकारी चुरा रही है। उनके संपर्क डेटा तक पहुंच बना रही है। इन सब चीजों को लेकर पूरी दुनिया इस एप को लेकर सतर्क हो चुकी है।
इधर टिकटॉक के सीईओ जी च्यू 23 मार्च को अमेरिकी सांसदों की समिति के सामने प्रस्तुत हुए थे। इस समिति को इस चीनी एप को लेकर जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी दी गई है। वहां के डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन सांसद, दोनों ही चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को अमेरिका के लिए बहुत बड़े खतरे के तौर पर देखते हैं। उनका मानना है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी दुनिया को अपने शिकंजे में कसना चाहती है, इसके लिए वह हर तरह की चाल चल रही है। इसके लिए जिस चार सूत्रीय रणनीति पर वह चल रही है, उसमें तकनीक की बड़ी भूमिका है। टिकटॉक को इसी योजना का एक आयाम माना जाता है। बताया गया है कि अमेरिकी सांसदों की समिति में पेश होने वाले टिकटॉक के सीईओ प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर देने में असफल रहे। इसलिए इस एप को लेकर दुनिया भर के नेताओं को जो संदेह है, उसके दूर होने की हाल-फिलहाल कोई उम्मीद नजर नहीं आती।
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