बागवानी ने खोले समृद्धि के द्वार
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

बागवानी ने खोले समृद्धि के द्वार

जिस आम के बगीचे से हर साल बमुश्किल 30-35 हजार रुपये की आय होती थी, अब भारत भूषण उसी से दो लाख रुपये कमा रहे हैं। सब्जियों से भी हो रही अच्छी कमाई

by पूनम नेगी
Mar 25, 2023, 08:46 am IST
in भारत, उत्तर प्रदेश
भारत भूषण गर्ग

भारत भूषण गर्ग

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

जैविक कृषि का काफी प्रचार-प्रसार हो रहा था। इससे आकर्षित होकर उन्होंने केंचुआ पालन के साथ जैविक खेती शुरू की।

45 वर्षीय भारत भूषण गर्ग पेशे से पत्रकार थे। लेकिन पत्रकारिता के साथ वह खेती भी करते थे। उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के बहादुरगढ़ में रहने वाले भारत भूषण का कहना है कि रासायनिक विधि से खेती करने पर खर्च अधिक होता था, लेकिन लाभ कम मिलता था। इस कारण बमुश्किल केवल जरूरी खर्चे ही पूरे हो पाते थे।

भारत भूषण ने बताया कि वर्ष 2000 के आसपास तक उन्हें खेती से संतुष्टि नहीं मिल रही थी। उस समय जैविक कृषि का काफी प्रचार-प्रसार हो रहा था। इससे आकर्षित होकर उन्होंने केंचुआ पालन के साथ जैविक खेती शुरू की। प्रारंभ के चार-पांच वर्ष तो ठीक रहे, पर कुछ समय पश्चात खेती में घाटा होने लगा। इसी दौरान वे लोकभारती के संपर्क में आए और इस संस्था के सुझाव पर 2017 में लखनऊ में सुभाष पालेकर के प्राकृतिक कृषि शिविर में शामिल हुए। वहां गोवंश आधारित प्राकृतिक कृषि पद्धति को बारीकी से जाना। इसके बाद अपने बाग की एक एकड़ भूमि में प्राकृतिक खेती शुरू की।

अब पंचस्तरीय बागवानी के तहत आलू और दूसरी सब्जियों की खेती कर रहा हूं। इससे प्रति एकड़ ढाई से तीन लाख रुपये की आमदनी हो रही है। प्रत्येक वर्ष आम बेचकर लगभग एक लाख से अधिक की कमाई कर लेता हूं। आम के बगीचे में अदरख और हल्दी भी लगाता हूं। इससे भी हर साल लगभग एक लाख रुपये मिल जाते हैं।

पहले साल ही मेहनत का रंग दिखने लगा। खेत में गोबर और गोमूत्र की जरूरत थी, इसलिए उन्होंने देसी गाय भी खरीद ली। इससे शुद्ध दूध भी मिलने लगा। हालांकि शुरुआत में उनके लिए प्राकृतिक आसान नहीं रहा। आस-पड़ोस के लोग उनका मजाक उड़ाते थे। लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया।

उन्होंने बताया, ‘‘2017 से पहले मेरा दो एकड़ का आम का बाग 60-70 हजार रुपये में दो वर्ष के लिए ठेके पर जाता था। 2018 के बाद आमदनी दोगुनी हो गई। अब पंचस्तरीय बागवानी के तहत आलू और दूसरी सब्जियों की खेती कर रहा हूं। इससे प्रति एकड़ ढाई से तीन लाख रुपये की आमदनी हो रही है। प्रत्येक वर्ष आम बेचकर लगभग एक लाख से अधिक की कमाई कर लेता हूं। आम के बगीचे में अदरख और हल्दी भी लगाता हूं। इससे भी हर साल लगभग एक लाख रुपये मिल जाते हैं।’’

बकौल भारत भूषण, बीते दो-तीन साल में ही उनकी आय लगभग तीन से चार गुना बढ़ गई। अब उन्होंने खेती का दायरा दो एकड़ से बढ़ाकर पांच एकड़ कर लिया है। उन्होंने पंचस्तरीय बागवानी का एक विशेष मॉडल भी लोकभारती के सहयोग से तैयार किया है, जिसको देखने और सीखने के लिए आसपास के किसान लगातार आते रहते हैं। वह पंचस्तरीय बागवानी में वह फल और सब्जियां तो उगा ही रहे हैं, सरसों तेल के साथ हल्दी, अदरख का प्रसंस्करण करके उसे बेच भी रहे हैं।

इसके अलावा, अपने उत्पाद बेचने के लिए भारत भूषण ने सोशल मीडिया का सहारा लिया। अभी उनके परिवार के 25 सदस्य खेती में जुटे हुए हैं। अधिकतर उत्पाद खेत से ही बिक जाते हैं। वह कहते हैं कि जब उन्होंने प्राकृतिक कृषि प्रारंभ की तो उस समय तो पूरे जनपद में वह अकेले किसान थे। आज उनकी सफलता को देखकर अनेक किसान इस विधि से खेती कर रहे हैं। भारत के अनुसार, अब लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर अत्यंत सजग हो गये हैं। खासकर कोरोना महामारी के बाद तो इस जागरुकता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। अब लोगों को विषमुक्त प्राकृतिक कृषि उत्पादों की महत्ता समझ में आ रही है।

Topics: कोरोना महामारीजैविक कृषिप्राकृतिक कृषिपंचस्तरीय बागवानीOrganic AgricultureNatural AgricultureFive Tier HorticultureCorona Pandemic Horticulture opened the doors of prosperity
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पद्मश्री सम्मान प्राप्त करते हुकुमचंद पाटीदार

#कृषि विशेष : धरती के सच्चे साधक

‘कोरोना’ से भी ज्यादा घातक है H5N1, विशेषज्ञों ने जताई चिंता!

प्रख्यात समाजसेवी दिलीप देशमुख

मानवता का उत्कर्ष है अंगदान

ट्रेडोस अधनोम घेब्रेसियस, डब्ल्यूएचओ प्रमुख

कोरोना को लेकर वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल खत्म, डब्ल्यूएचओ ने की घोषणा

सम्मेलन स्थल पर एक प्रदर्शनी का अवलोकन करते श्री मोहनराव भागवत

जैविक खेती से ही होगी जीव की रक्षा

ओम प्रकाश

5 हेक्टेयर खेत से 35 लाख की कमाई

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies