न्यूयॉर्क। भारत ने जल क्षेत्र में 240 अरब डॉलर से अधिक यानी लगभग 20 लाख करोड़ रुपये निवेश करने का फैसला लिया है। यह जानकारी भारत के जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन को संबोधित करते हुए दी।
शेखावत ने जल सुरक्षा सुनिश्चित करने और सभी के लिए स्वच्छ जल व स्वच्छता के सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भारत में किए जा रहे महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों और प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत ने निजी इनोवेटर्स, स्टार्टप्स और जल-उपयोगकर्ता संघों के साथ साझेदारी में सरकारी संसाधनों के माध्यम से जल क्षेत्र में 20 लाख करोड़ रुपये का निवेश का फैसला किया गया है। इससे भारत में भूजल स्तर को बेहतर करने की कोशिश होगी और दुनिया के सबसे बड़े बांध पुनर्वास कार्यक्रम को लागू किया जाएगा। भारत स्वच्छता और पेयजल तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए दो प्रमुख मिशनों को लागू कर रहा है।
भारत के जल शक्ति मंत्री ने कहा कि देश के अनूठे भूगोल के कारण, भारत दुनिया में भूजल के सबसे बड़े उपयोगकर्ताओं में से एक है। भारत में भूजल स्तर को बहाल करने और ग्रामीण जल सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से मांग और आपूर्ति पक्ष के हस्तक्षेप को जोड़ कर जागरूक समुदाय बनाने के प्रयास हो रहे हैं। जमीनी स्तर पर पानी के उपयोग और संरक्षण पर व्यावहारिक परिवर्तन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि स्वच्छ गंगा या नमामि गंगे के लिए भारत के महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय मिशन को हाल ही में मॉन्ट्रियल में आयोजित जैव विविधता सम्मेलन द्वारा प्राकृतिक दुनिया को पुनर्जीवित करने के लिए शीर्ष 10 में से एक कार्यक्रम के रूप में मान्यता दी गई है। इस मिशन ने नदी के पुनर्जीवन, प्रदूषण में कमी, पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण और नदी बेसिन प्रबंधन के समग्र दृष्टिकोण में एक आदर्श बदलाव किया है।
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