उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आधार स्तंभ रहे दयाचंद जैन
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आधार स्तंभ रहे दयाचंद जैन

दयाचंद जैन ने आजीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सच्चे स्वयंसेवक का कर्तव्य निभाते हुए भावी पीढ़ी के लिए आदर्श प्रस्तुत किया है।

by उत्तराखंड ब्यूरो
Mar 24, 2023, 12:52 pm IST
in भारत, उत्तराखंड
दयाचंद जैन (फइल फोटो)

दयाचंद जैन (फइल फोटो)

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

देवभूमि उत्तराखण्ड ने पर्यटकों तथा अध्यात्म प्रेमियों को सदैव अपनी ओर खींचा है। प्रख्यात समाजसेवी दयाचंद जैन ने देवभूमि उत्तराखण्ड के देहरादून को ही संगठन के माध्यम से सेवाकार्य के लिए अपनी गतिविधियों का केन्द्र बनाया था। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन ही संगठन की सेवा में समर्पित कर दिया था। उन्होंने आजीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सच्चे स्वयंसेवक का कर्तव्य निभाते हुए भावी पीढ़ी के लिए आदर्श प्रस्तुत किया है।

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में संघकार्य में नींव और फिर आधार स्तम्भ के रूप में प्रमुख भूमिका निभाने वाले दयाचंद जैन का जन्म 12 जुलाई सन 1928 को ग्राम तेमला गढ़ी जिला बागपत उत्तर प्रदेश में माता अशर्फी देवी तथा पिता धर्मदास जैन के घर में हुआ था। बागपत के निकटवर्ती कस्बे दाहा से मिडिल तक की शिक्षा पाकर वह आगे पढ़ाई और कारोबार के लिए देहरादून आ गये थे। देहरादून में ही वह सन 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने थे। सन 1948 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध के समय सत्याग्रह कर वह तीन माह आगरा जेल में रहे थे। प्रतिबंध के बाद देहरादून में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रायः सभी छोटे–बड़े कार्यकर्ता संघ कार्य से पीछे हट गये थे, ऐसे में एकदम विपरीत परिस्थितियों में दयाचंद जैन ने बिल्कुल नये सिरे से काम प्रारम्भ किया था। सन 1960 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष के प्रशिक्षण के लिए नागपुर गये थे, विद्यालयी शिक्षा कम होते हुए भी नागपुर प्रशिक्षण में उन्होंने बौद्धिक परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। देश, धर्म और समाज पर आने वाले हर संकट तथा चुनौती में वह हमेशा अग्रणी भूमिका में रहते थे।

उत्तराखंड महान विभूतियां : देवभूमि में विश्व हिंदू परिषद का परचम लहराने वाले प्रचारक जगदीश चंद्र त्रिपाठी

1967 में गोरक्षा के निमित्त आंदोलन में वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में रहे थे। सन 1975 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर पुन: प्रतिबंध लगने पर वह प्रारम्भ में भूमिगत हो गये थे। किन्तु पुन: 15 अगस्त सन 1975 को वह सत्याग्रह के माध्यम से छह माह के कठिन कारावास लिए जेल में रहे थे। श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या के राष्ट्रव्यापी आंदोलन के समय भी वह प्रत्येक आंदोलनकारी गतिविधियों में वह सदैव एक कदम आगे रहते थे। दयाचंद जैन बेहद साहसी और राष्ट्रवादी प्रकृति के व्यक्ति थे, इंदिरा गांधी की हत्या होने पर जब आक्रोशित कांग्रेसी कार्यकर्ता बाजार बंद कराने निकले, तो दयाचंद जैन ने अपना प्रतिष्ठान को बंद नहीं किया था। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जब जबरदस्ती दुकान बन्द कराने का प्रयास किया तो दयाचंद जैन ने राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं से कहा कि जिस महिला ने आपातकाल में पूरे देश को जेल बना दिया था, जिसके कारण मेरी दुकान साल भर बंद रही, उसकी मृत्यु पर मैं दुकान को बंद नहीं करूंगा। कांग्रेसी कार्यकर्ता अपना सा मुंह लेकर चुपचाप वहां से आगे चले गये थे।

दयाचंद जैन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में मुख्य शिक्षक से लेकर जिला कार्यवाह, जिला संघ चालक और प्रान्त व्यवस्था प्रमुख जैसी अनेक जिम्मेदारियों का निर्वहन किया था। वह किसी सूचना की प्रतीक्षा किये बिना स्वयं योजना बनाकर उसे क्रियान्वित करते थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निर्धन कार्यकर्ताओं की बेटियों के सम्मानपूर्वक विवाह की वह विशेष चिन्ता करते थे। सामाजिक जीवन में उनका स्थान इतना महत्वपूर्ण था कि झंडा बाजार देहारादून में उनकी कपड़े की दुकान पर समाज के प्रत्येक तरह के लोग उनसे परामर्श करने आते थे। समाज के अनेक व्यक्ति तो हंसी–मजाक में कहते थे कि झंडे वाले बाबा के पास हर समस्या का समाधान रहता है। देहरादून में जब सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय का प्रारम्भ हुआ तो मोती बाजार स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय में ही उसकी कक्षाएं प्रारम्भ कर दी गयीं थी। कुछ समय बाद जब तत्कालीन प्रांत प्रचारक भाऊराव देवरस वहां आये, तो उन्होंने सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय को वहां से स्थानांतरित करने को कहा था।

दयाचंद जैन ने उनकी आज्ञा को शिरोधार्य किया और एक अन्य स्थान खोजकर शिक्षा के नये सत्र में विद्यालय वहां पहुंचा दिया था। शिक्षा के महत्व को समझते हुए सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय के प्रसार का वह विशेष प्रयास करते रहते थे। देहरादून में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ परिवार की प्रत्येक संस्था से वह किसी न किसी रूप से जुड़े रहते थे। उनकी स्वस्थ सोच सदा सार्थक दिशा में रहती थी। जीवन अंतिम दिनों में वह जब चिकित्सालय में भर्ती थे, तो उनसे मिलने आये कुछ संघ कार्यकर्ता किसी की आलोचना कर रहे थे तो दयाचंद जैन ने तत्काल उन्हें रोकते हुए कहा कि सदैव अच्छा सोचो और अच्छा बोलो, तो परिणाम भी अच्छा ही निकलेगा। जीवन के 70 वर्ष तक समाज के प्रत्येक क्षेत्र में सक्रिय रहते हुए श्रेष्ठ सामाजिक संगठन कार्यकर्ता दयाचंद जैन का देहावसान 24 मार्च सन 2012 को हुआ था।

Topics: दयाचंद जैनContribution of Dayachand JainDayachand Jainuttarakhand newsराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघउत्तराखंड समाचारRashtriya Swayamsevak Sanghउत्तराखंड की महान विभूतिGreat Vibhuti of Uttarakhandदयाचंद जैन का योगदान
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

आरोपी

उत्तराखंड: 125 क्विंटल विस्फोटक बरामद, हिमाचल ले जाया जा रहा था, जांच शुरू

उत्तराखंड: रामनगर रेलवे की जमीन पर बनी अवैध मजार ध्वस्त, चला बुलडोजर

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तराखंड में भारी बारिश का आसार, 124 सड़कें बंद, येलो अलर्ट जारी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने ने बसाया उन्ही के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिलवुमन का झलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Loose FASTag होगा ब्लैकलिस्ट : गाड़ी में चिपकाना पड़ेगा टैग, नहीं तो NHAI करेगा कार्रवाई

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

यूनेस्को में हिन्दुत्त्व की धमक : छत्रपति शिवाजी महाराज के किले अब विश्व धरोहर स्थल घोषित

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies