जब जातियों में बंटा हिन्दू समाज एक हो जाएगा, उस दिन भारत स्वतः हिन्दू राष्ट्र हो जाएगा। इसके लिए सभी को साथ बैठना होगा। सुख-दुख बांटना होगा। ‘हिन्दवः सोदरा सर्वे’ मंत्र को अपनाना होगा।
भारतीय नववर्ष समाजोत्सव समिति और नगर निगम की ओर से उदयपुर में गुरुवार को आयोजित विशाल धर्मसभा में बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेन्द्र शास्त्री, प्रख्यात कथा मर्मज्ञ पंडित देवकीनंदन ठाकुर और पंच अग्नि अखाड़ा के महामण्डलेश्वर उत्तम स्वामी महाराज ने सभा में उपस्थित विशाल जनमैदिनी को सामाजिक समरसता का संकल्प कराया। तीनों ही संतों ने समाज को संगठित होने, जाति-पाति खत्म करने, सनातन परम्पराओं का पालन करने, नियमित रूप से मंदिर जाने, हनुमान चालीसा का पाठ करने, साथ में भोजन और साथ में भजन करने का आह्वान किया।
महिलाओं-पुरुषों, युवक-युवतियों से खचाखच भरे उदयपुर के महाराणा भूपाल स्टेडियम में संतों के सान्निध्य में आयोजित धर्मसभा में नववर्ष पर सभी ने जाति-पाति के भेदभाव को दूर करने का हाथ उठाकर संकल्प लिया।
शपथ लीजिये हम हिन्दू एक हैं, जातियों में नहीं बंटेंगे : पं. धीरेन्द्र शास्त्री
धर्मसभा में बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने उपस्थित जनमैदिनी से आह्वान किया कि हिन्दुओं को जातियों में बंटना बंद करना होगा। एक होना होगा। भले ही जातियां अनेक हों लेकिन हम सब हिन्दू एक हैं। उन्होंने उपस्थित समाज को दोनों हाथ उठवाकर भगवान श्री सीताराम व हनुमान जी की शपथ दिलवाई कि आज के बाद हम हिन्दू एक हैं, जाति में नहीं बंटेंगे, राम-कृष्ण का विरोध करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देंगे, हिन्दू राष्ट्र घोषित नहीं होने तक चैन से नहीं बैठेंगे।
अपने उद्बोधन का आरंभ उन्होंने वीरता और शौर्य की धरती को प्रणाम के साथ करते हुए कहा कि यहां की माताएं-बहनें ही नहीं, अश्व चेतक और गज रामप्रसाद भी वीर हैं। महारानी हाड़ी रानी धन्य हैं जिन्होंने सोचा कि यदि उनके पति का चित्त उनमें ही लगा रहा तो युद्ध कैसे जीतेंगे। यह सोचकर उन्होंने अपना सिर काटकर निशानी के रूप में भेज दिया। यह वह शौर्य भूमि है जहां माताओं-बहनों ने अग्नि स्नान किया है।
मीरा की भूमि पर आयोजित इस नववर्ष समारोह में सभी संतों के समागम पर उन्होंने कहा कि सभी हिन्दू राष्ट्र का संकल्प लेने आए हैं। ये संकल्प मेवाड़ से जाग्रत हुआ है। उन्होंने कहा कि मेवाड़ में बप्पारावल हुए जिन्होंने 60 हजार की सेना को ईरान तक खदेड़ दिया। अब जिन लोगों को भारत से डर लगता है, जो देश के भीतर रहकर देशविरोधी गतिविधियां करते हैं, उन्हें बाहर भेजना है।
कन्हैया के हत्यारों को अब तक सजा क्यों नहीं हो सकी : देवकीनंदन ठाकुर
धर्मसभा में प्रख्यात कथा मर्मज्ञ पंडित देवकीनंदन ठाकुर ने राजस्थान की वीर भूमि और भक्तिमती मीरा को नमन करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप की धरती पर कन्हैया जैसे गरीब का गला रेत दिया जाता है। शैतानी तालिबानी मानसिकता यहां तक कैसे पहुंची, इस पर विचार करना होगा। उन्होंने सवाल उठाया कि अब तक कन्हैया के हत्यारों को सजा क्यों नहीं हुई। उन्होंने कहा कि हिन्दू संस्कृति किसी को मारती नहीं, लेकिन कोई उस पर प्रहार करे तो वह उसे स्वीकार नहीं करती। पंडित देवकीनंदन ने कहा कि सनातनी बच्चा सनातनी परिवार से ही विवाह करे, इसके लिए सरकार कानून पास करे। उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण कानून हम दो हमारे दो को भी सभी पर समान रूप से लागू करने की बात कही। उन्होंने कहा कि आलस्य हिन्दुत्व की दुर्दशा का कारण है। परिस्थितियों को सहते रहने की प्रवृत्ति बन जाने के कारण हिन्दुत्व को आज जगाने का प्रयास करना पड़ रहा है। उन्होंने लव जिहाद को धर्म परिवर्तन का जरिया बताते हुए देश के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा कि लव जिहाद न घर में होना चाहिए, न गली में न अपने शहर में। उन्होंने भारत सरकार से इस पर सख्त कानून बनाने की आवश्यकता बताई।
सायंकाल 7 बजे नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करे हर हिन्दू : उत्तम स्वामी
पंच अग्नि अखाड़ा के महामण्डलेश्वर उत्तम स्वामी महाराज ने कहा कि हिन्दू धर्म मूल से निकला है, इसका कभी अंत नहीं हो सकता है। उन्होंने सामाजिक समरसता के लिए सामूहिक भोजन व सामूहिक भजन नियमित रूप से करने की सीख देते हुए कहा कि हिन्दू समाज को संगठित करने के लिए सामाजिक समरसता को सशक्त करना होगा। उन्होंने हर हिन्दू को नियमित सायंकाल 7 बजे हनुमान चालीसा का पाठ करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार से लेकर आज के जिला प्रचारक तक का जीवन तपस्वी व त्यागमय होता है। उन्होंने समाज से इन राष्ट्रतपस्वियों के सहयोग का आह्वान किया।
मंच पर बिराजित संतजन
धर्मसभा में मंच पर श्री चतुर्भुज हनुमान जी, हरिदास जी की मगरी के महंत महंत इन्द्रदेवदास महाराज, अस्थल आश्रम के महंत रास बिहारी शरण, धोली बावड़ी रामद्वारा के महंत दयाराम महाराज, हरिहर आश्रम गुलाब बाग के महंत सुन्दरदास महाराज, शनि मंदिर गोवर्धन विलास के महंत नारायण गिरि, मेलड़ी माता मंदिर के महंत विरम देव महाराज,
बालाजी मंदिर, फतह स्कूल के महंत अमर गिरि महाराज, बड़ा रामद्वारा चांदपोल के संत चेतन राम महाराज, खास ओदी के महंत प्रयागगिरि महाराज, गुप्तेश्वर महादेव के महंत तन्मय नन्द महाराज, सत्यनारायण मंदिर अमल का कांटा के महंत मिथिला बिहारी महाराज, रामद्वारा सवीना के महंत अचला राम महाराज, रामद्वारा सवीना के महंत चेतन राम, मीठारामजी का मंदिर रावजी का हाटा के महंत राम चंद्र दास महाराज, चारभुजानाथ मंदिर पंचमुखी बालाजी रावजी का हाटा के हर्षिता दास, कानपुर से पधारे महंत योगी रेवतीनाथ, निरंजनी अखाड़ा सायरा के महामंडलेश्वर मनीषा नन्द महाराज, निरंजनी अखाड़ा पानेरियों की मादड़ी के महंत रामगिरि महाराज, रकमपुरा आश्रम की महंत महंत भुवनेश्वरी माता, नवलखा मंदिर गुलाबबाग के महंत मिथिलाशरण महाराज, सर्वेश्वर आश्रम सवीना के महंत राधिका शरण महाराज, नाथ जी का मठ भूपालपुरा के महंत रमेश नाथ महाराज, मीठाराम मंदिर राव जी का हाटा के संत नौनिधि दास महाराज, श्री कल्लाजी बावजी धाम हाथीपोल के महंत अशोक परिहार, कल्याण गातोड़ धाम बोहरा गणेश जी के महंत नारायण दास वैष्णव, चित्रकूट धाम महाकालेश्वर के महंत प्रवीण भैया, विचित्र हनुमान मंदिर रामपुरा चौराहा के महंत बंटी महाराज, दाता मंदिर शास्त्री सर्कल के संत योगेश आमेटा बिराजमान थे।
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