राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) देश भर में गजवा-ए-हिंद से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापा डाला. महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश में कुल 7 लोकेशन पर एनआईए की टीम ने कार्रवाई की. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने महाराष्ट्र में 3 जगहों पर, गुजरात में 3 जगहों पर और मध्य प्रदेश में 1 जगह पर छापा मारा है। बता दें कि यह छापेमारी गजवा-ए-हिंद मामले में चल रही जांच में है जो विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर हिंसक आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए प्रभावशाली युवाओं के कट्टरपंथीकरण से जुड़ा हुआ है।
क्या है गजवा-ए-हिंद शब्द का मतलब
इस्लाम में गजवा-ए-हिंद का अर्थ सामान्य तौर पर पहले काफ़िरों को जीतने के लिए किए गए युद्ध के लिए किया जाता था। युद्ध को गजवा भी कहा जाता है। काफिरों के खिलाफ जीते गए युद्ध में विजयी को गाज़ी” कहा जाता है। जब इस्लाम को भारत वर्ष में फैलाने को कोशिश की गई थी, तब इसके लिए “गजवा-ए-हिंद” शब्द का प्रयोग किया गया था।
क्या है “गजवा-ए-हिंद मिशन”
गजवा-ए-हिंद अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन अलकायदा के साथ मिलकर काम करता है। भारत में इसकी बड़ी गतिविधि का खुलासा पिछले साल जुलाई में तब हुआ था, जब बिहार की राजधानी पटना से सटे फुलवारी शरीफ से पुलिस ने एक शख्स को दबोचा था। शख्स का नाम मरगुब दानिश उर्फ ताहिर था, जिसने पूछताछ में कई हैरतअंगेज खुलासे किए थे। उसने कबूल किया था वह गजवा-ए-हिंद के लिए काम कर रहा है। उसके मोबाइल फोन और फेसबुक चैट में भी भड़काऊ और उन्माद कंटेट मिले थे।
विदेशों से भी मिल रही मदद
उसने पुलिस को बताया कि गजवा-ए-हिंद मिशन को पूरा करने के लिए पाकिस्तान, यमन और बांग्लादेश जैसे अन्य इस्लामिक मुल्कों से मदद पहुंच रही है। जांच में पाया गया कि ताहिर पाकिस्तानी चरमपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक से जुड़ा हुआ है। वह एक पाकिस्तान शख्स फैजान से लगातार सोशल मीडिया के जरिए संपर्क में रहता था। ताहिर के मोबाइल में गजवा-ए-हिंद नामक एक वाट्सएप ग्रुप भी पाया गया, जिसका वो एडमिन था। इस ग्रुप में पाकिस्तान, यमन और बांग्लादेश समेत अन्य मुस्लिम देशों के लोग भी शामिल थे।
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