इस्लामी कट्टरपंथी, भारतविरोधी जहर के प्रसारक भगोड़े जाकिर नाइक पर आखिरकार भारत की सुरक्षा एजेंसियों का शिकंजा कस चुका है। इस वक्त वह ओमान में है लेकिन कल शायद उसे भारत ले आया जाएगा। उसे ओमान से निर्वासित किया जाना लगभग तय माना जा रहा है। इस प्रत्यर्पण कार्रवाई को अंजाम देने के लिए भारत की सुरक्षा एजेंसियां ओमान में अपने समकक्षों से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। ओमान में भगोड़े जाकिर को गिरफ्तार करके भारत लाने की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं।
जहरीली हिन्दू विरोधी तकरीरें करने वाला इस कुख्यात कट्टरपंथी भगोड़े की पिछले लंबे समय से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को तलाश थी। माना जा रहा है कि अब जाकर भारत को एक बड़ी सफलता हाथ लग सकती है। इस भगोड़े को ओमान से भारत लाने की विधिक तैयारी चल रही है। एक समाचार चैनल ने बताया है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी जाकिर को हिरासत में लेने के लिए ओमान के संबंधित अधिकारियों के संपर्क में हैं। वे उसे वहीं से हिरासत में लेने वाले हैं।
भगोड़े मजहबी कट्टरपंथी जाकिर नाइक के विरुद्ध भारत में सांप्रदायिक नफरत भड़काने, आतंक को पैसा देने, मनी लॉन्ड्रिंग और जहरीले बयानों को लेकर अनेक मामले दर्ज हैं। 2017 में ही उसे भारत में भगोड़ा ठहराया गया था। बताया गया है कि तब से वह मलेशिया में रह रहा है। जाकिर इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन और ‘पीस’ टीवी नेटवर्क का संस्थापक है। 2016 में भारत में उसकी एक संस्था आईआरएफ को गैर कानूनी ठहराया गया था। जाकिर के ‘पीस टीवी’ पर भारत ही नहीं बल्कि बांग्लादेश, कनाडा, यूके और श्रीलंका में प्रतिबंध लगाया जा चुका है।
जानकारी के अनुसार, जाकिर को ओमान में तकरीर देने को बुलाया गया है। उसकी यह तकरीर रमजान से ठीक पहले यानी 23 मार्च को होनी तय है। इस भगोड़े के इस कार्यक्रम को ओमान के अकाफ और मजहबी मामलों के मंत्रालय ने आयोजित किया है। 23 को पहली तकरीर के बाद, 25 को वहां की सुल्तान कबूस यूनिवर्सिटी में भी उसे बुलाने की बात सुनी जा रही है।
ओमान की एजेंसियां वहां के भारतीय दूतावास से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि ओमान के कानूनों के अनुसार भारत द्वारा अनेक मामलों में इच्छित इस भगोड़े को निर्वासित किया जा सकता है। भारतीय गुप्तचरी के सूत्रों का मानना है कि बहुत हद तक वहां के अधिकारी उनकी इस मांग के लिए इनकार नहीं करेंगे और जाकिर को हिरासत में ले लेंगे।
संभावना यह भी है कि भारत से कोई कानूनी दल ओमान जाएगा। भारत के विदेश मंत्रालय ने ओमानी दूतावास के साथ इस मुद्दे पर बात की है। उधर ओमान स्थित भारतीय दूतावास ने अपनी तरफ से वहां के विदेश मंत्रालय को पूरे मामले की जानकारी दे दी है।
उल्लेखनीय है कि भगोड़े मजहबी कट्टरपंथी जाकिर नाइक के विरुद्ध भारत में सांप्रदायिक नफरत भड़काने, आतंक को पैसा देने, मनी लॉन्ड्रिंग और जहरीले बयानों को लेकर अनेक मामले दर्ज हैं। 2017 में ही उसे भारत में भगोड़ा ठहराया गया था। बताया गया है कि तब से वह मलेशिया में रह रहा है। जाकिर इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन और ‘पीस’ टीवी नेटवर्क का संस्थापक है। 2016 में भारत में उसकी एक संस्था आईआरएफ को गैर कानूनी ठहराया गया था। जाकिर के ‘पीस टीवी’ पर भारत ही नहीं बल्कि बांग्लादेश, कनाडा, यूके और श्रीलंका में प्रतिबंध लगाया जा चुका है।
जाकिर नाइक भारत से जुलाई 2016 में ढाका में बम धमाके होने के बाद भाग निकला था। उस बम विस्फोट में 29 लोग मारे गए थे। उस हमले को अंजाम देने वाले जिहादियों ने बताया था कि वे नाइक के उकसावे में आकर उसका फेसबुक पेज ‘फॉलो’ करते आ रहे थे। वे जिहादी उसकी तकरीरें भी सुनते थे।
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