बरेली। प्रयागराज कांड की साजिश बरेली जेल में रचे जाने मामले में पुलिस को बरेली के जिस सपा नेता लल्ला गद्दी की सरगर्मी से तलाश थी, उसने आधी रात को एसओजी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। बरेली के इसी अपराधी ने माफिया अतीक गुर्गों को बरेली में छिपाया था और जेल में बंद अशरफ से अपराधियों की गुपचुप मुलाकातें कराई थीं। बरेली पुलिस पहले ही उसके कई साथियों को जेल भेज चुकी थी। चारों ओर से दबाव बढ़ने पर लल्ला गद्दी खुद चलकर पुलिस के पास आ गया। कई टीमें उससे पूछताछ में जुटी हैं।
बरेली पुलिस और एसआईटी लल्ला गद्दी की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही थीं। सपा नेता ने पिछले दिनों कोर्ट में आत्मसमर्पण के अर्जी लगाई भी थी मगर पुलिस की चारों ओर घेराबंदी से उसका प्लान फेल हो गया। इस मामले में जेल के दो सिपाही समेत 9 लोग पहले जेल भेजे जा चुके हैं। प्रयागराज के उमेशपाल एडवोकेट हत्याकांड की साजिश बरेली बरेली में रचे जाने का पिछले दिनों खुलासे के बाद दो बंदीरक्षकों समेत समेत अतीक के 9 गुर्गे बरेली में गिरफ्तार किए गए थे। जेलर और डिप्टी जेलर समेत 5 अफसर सस्पेंड भी हो चुके थे। फरार लल्ला गद्दी के भी सरेंडर के बाद पुलिस अब उससे पूछताछ के जरिए अंदर के राज पता करने में जुटी है।
यहां बता दें कि माफिया अतीक अहमद को 1 जनवरी 2019 को देवरिया जेल से बरेली सेंट्रल जेल में प्रशासनिक आधार पर शिफ्ट किया गया था। इसके बाद उसको 19 अप्रैल 2019 को प्रयागराज की नैनी जेल भेज दिया गया था। बाद में अतीक को गुजरात की साबरमती जेल में भिजवा दिया गया, जहां अभी वह बंद है। उसका भाई अशरफ दो साल से बरेली जेल में निरुद्ध चल रहा है। सपा नेता लल्ला गद्दी ने माफिया गिरोह की बरेली में जड़ें जमाई थीं। उसने अशरफ के साले सद्दाम को बरेली की मुस्लिम बहुल खुशबू कालोनी में मकान दिलाया था और माफिया के कई गुर्गों को बरेली में जगह-जगह रुकवाया था। सद्दाम अभी फरार है, जिसकी लोकेशन पहले दिल्ली में मिली बाद में हैदराबाद में बताई गई। बरेली पुलिस और एसटीएफ सद्दाम की तलाश में लगी हुई हैं।
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