झारखंड : राज्य सरकार के पास धान बेचकर पछता रहे किसान, अब तक नहीं हुआ भुगतान
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झारखंड : राज्य सरकार के पास धान बेचकर पछता रहे किसान, अब तक नहीं हुआ भुगतान

फरवरी माह में लैंपस में धान बेचने वाले किसानों को अब तक एक पैसा भी नहीं मिला है।

by WEB DESK
Mar 20, 2023, 12:50 pm IST
in भारत, झारखण्‍ड
प्रतीकात्मक चित्र

प्रतीकात्मक चित्र

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झारखंड में राज्य सरकार के धान अधिप्राप्ति केंद्र में धान देकर अन्नदाता किसान पछता रहे हैं। लैंपस में अधिकतर किसानों ने जनवरी महीने तक धान अधिप्राप्ति केंद्रों में धान बेच दिया था, लेकिन उन्हें मात्र 50 फीसदी रकम का ही भुगतान किया गया है। जानकारी के अनुसार फरवरी महीने में लैंपस में धान बेचने वाले किसानों को तो फूटी कौड़ी नहीं मिली है।

तोरपा लैंपस के निदेशक हेमंत गुप्ता बताते हैं कि कुछ किसानों को आधी रकम का भुगतान किया गया है, लेकिन कुछ किसानों को एक पैसा भी नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसान लैंपस में आते हैं और निराश होकर लौट जाते हैं। बताया गया कि खूंटी जिले में विभिन्न लैंपस के माध्यम से 14 हजार 328.30 क्विंटल धान खरीदी किसानों से की गई है। एक करोड़ 86 लाख 14 हजार 866 रुपये का भुगतान किसानों को करना है। इसमें एक करोड़ 11 लाख 82 हजार 229.40 रुपये का भुगतान किसानों को किया जा चुका है, जो कुल देय राशि का 76.51 फीसदी है।

इसी प्रकार सरायकेला-खरसांवा जिले में दो करोड़ 82 लाख 67 हजार 188.60 रुपये का भुगतान किसानों को करना है। यहां 27 हजार 712.10 क्विंटल धान की खरीदारी हुई है। धनबाद जिले में किसानों को 33 लाख 42 हजार 333 रुपये का भुगतान नहीं मिला है। पाकुड़ जिले में 46 लाख छह हजार 65 रुपये, पालामू में 22 करोड़ 84 लाख आठ सौ रुपये का भुगतान सरकार ने नहीं किया है। सबसे अधिक बकाया पश्चिमी सिंहभूम जिले के किसानों का है। इस जिले में 49 करोड़ 91 लाख 77 हजार 636.80 रुपये का भुगतान किसानों को नहीं किया गया है। वहां चार लाख 89 हजार 389.84 क्विंटल धान की खरीदारी हुई है। इसी प्रकार गढ़वा जिले के एक करोड़ 54 लाख 13 हजार 209 रुपये का भुगतान किसानों को करना है।

भुगतान नहीं मिलने के बारे में तोरपा प्रखंड के मरचा गांव के किसान सूरज कुमार कहते हैं कि उन्होंने 48 क्विंटल धान लैंपस में दिया है, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। रकम नहीं मिलने से काफी परेशानी हो रही है। उसी गांव के किसान आशुतोष साहू, मनोज केसरी, धनंजय केंसरी सहित अन्य किसान कहते हैं कि वे सरकार के पास धान बेचकर पछता रहे हैं। महाजन भी लगभग इसी दर पर धान की खरीदारी कर रहे थे और उसका भुगतान भी तुरंत हो जाता है। किसानों का कहना है कि भुगतान में विलंब कोई नई बात नहीं है। इसी कारण किसान अपने उत्पाद को सरकार को न बेचकर महाजनों के पास बेच देते हैं। प्रायः हर साल किसानों को भुगतान की समस्या का सामना करना पड़ता है।

लैंपस अध्यक्ष एडोल्फ सामसोन टोपनो को जानकारी नहीं
किसानों को धन के मूल्य का भुगतान नहीं होने के संबंध में पूछे जाने पर तोरपा लैंपस के अध्यक्ष एडोल्फ सामसोन टोपनो कहते हैं कि जनवरी तक जिन किसानों ने धान दे दिया था, उन्हें पचास फीसदी राशि का भुगतान कर दिया गया है, लेकिन बाद में धान बेचने वालों को भुगतान हुआ या नहीं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। उन्होंने कहा कि धान के क्रय मूल्य की 50 फीसदी राशि का भुगतान तुरंत हो जाता है और शेष राशि का भुगतान बिल जमा करने के बाद होता है।

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