कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी को पुलिस नोटिस देने पर विपक्षी नेताओं के केन्द्र सरकार पर किये जा रहे हमलों को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने विपक्ष काे करारा जवाब दिया। डाॅ सरमा ने अडाणी मुद्दे पर विपक्ष की जेपीसी मांग को ब्लैकमेलिंग बताया। कश्मीर यात्रा के दौरान दुष्कर्म संबंधी टिप्पणी में महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए उन्होंने राहुल से पीड़ितों की पहचान बताने को भी कहा।
मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा रविवार को नई दिल्ली में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। अडानी के मुद्दे पर जेपीसी गठन की मांग पर डॉ. सरमा ने कहा कि जेपीसी में विरोधी लोगों का क्या काम है। जब मामला देश की सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में है। विरोधी जेपीसी के जरिए ब्लैकमेल करने का परमिट चाहते हैं क्या। इस मामले में एक्सपर्ट कमेटी का गठन हो गया है। अगर इलेक्शन का चंदा उठाने का काम करना है तो यह अलग मुद्दा है। आठ-नौ महीने बाद चुनाव है।
राहुल गांधी के बयान को लेकर उन्होंने कहा कि देश के कानून व्यवस्था है कि अपराधियों को सजा मिलना चाहिए। अगर किसी ने बताया कि उसके पास कोई पीड़ित महिला आई है तो क्या उसको न्याय दिलाने के लिए राहुल गांधी को पुलिस को जानकारी नहीं देनी चाहिए। किसी दुष्कर्म की घटना की जानकारी राहुल गांधी के पास है तो उन्हें दिल्ली, जम्मू पुलिस या राजस्थान पुलिस को उस पीड़िता का नाम बताना चाहिए। उसे न्याय मिलना चाहिए, इसमें गलत क्या है। इस मामले में कांग्रेस को ड्रामा करने की क्या जरूरत है। कांग्रेस पार्टी को यह बताना चाहिए कि वह राहुल गांधी के साथ है या पीड़ित महिला के साथ है।
मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि राहुल जितना बोलते हैं, ट्विटर से लेकर फेसबुक, टीवी और भाषणों में, इतनी बात शायद इंदिरा गांधी के शासनकाल में किसी विरोधी को बोलने का अधिकार नहीं था। राहुल अगर देश के खिलाफ बोलते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। डॉ सरमा ने कहा कि राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा के नाम पर पिकनिक के रूप में आयोजन किया, किसी ने मना किया क्या। उनके मन में जो भी आता वे बोलते हैं। उनकी आवाज, उनकी भाषा, उनकी स्पीच पर किसने कब दबाव डाला है यह उन्हें बताना चाहिए। प्रॉब्लम सिर्फ इतना है कि वह जरूरत से ज्यादा बोलते हैं।
हिंदुत्व के मुद्दे पर मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि हमें कोई हिंदुत्व का माहौल नहीं बनाना है। मुसलमान युवकों को डॉक्टर और इंजीनियर बनना है बनें, कौन रोक रहा। मुसलमान की बेटी 11 साल में बच्चे को जन्म न दे, चाइल्ड मैरिज न हो। इसमें कहां हिंदुत्व का एजेंडा है। उन्होंने साफ किया कि हिंदुत्व का एजेंडा होने से तो मैं यह कहता कि आप लोग स्कूल-कॉलेज में मत जाइए, सिर्फ मदरसा में जाइए।
पंजाब से चार खालिस्तानी समर्थक अलगाववादियों को असम के डिब्रूगढ़ जेल में भेजे जाने के सवाल पर डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि देश की सभी सिक्योरिटी एजेंसी को-ऑपरेशन के तहत काम करती हैं। इसके बारे में मुझे कुछ जानकारी नहीं है। असम हो, बंगाल हो, पंजाब हो हम लोग सिक्योरिटी के अंदर काम करते हैं। इस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं देना चाहूंगा।
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं आज अपने राज्यपाल और सारे मंत्रियों और अफसरों के साथ नेशनल वॉर मेमोरियल गया था। वहां पर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किया। डॉ सरमा ने पुलिस मेमोरियल पहुंचकर असम और देश के शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री म्यूजियम भी देखा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री म्यूजियम एकदम नॉन पॉलिटिकल चीज है।
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