गत 14 मार्च को वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेदप्रताप वैदिक का 78 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 15 मार्च को नई दिल्ली के लोदी रोड स्थित श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। डॉ. वैदिक का जन्म 30 दिसंबर, 1944 को इंदौर में हुआ था। वे अंतरराष्ट्रीय मामलों के गहन जानकार और हिंदी के प्रबल पक्षधर थे। हिंदी आंदोलन में भाग लेने के कारण केवल 13 वर्ष की आयु में उन्हें जेल जाना पड़ा था।
हिंदी के साथ ही वे रूसी, फारसी, जर्मन और संस्कृत भाषा पर अच्छी पकड़ रखते थे। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की थी। वे भारत के ऐसे पहले विद्वान थे, जिन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय राजनीति का शोध-ग्रंथ हिंदी में लिखा। इस कारण उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने पीएचडी के शोधकार्य के दौरान न्यूयॉर्क, मॉस्को, लंदन, और काबुल में अध्ययन और शोध किया।
डॉ. वैदिक ने लगभग 10 वर्ष तक पीटीआई-भाषा (हिंदी समाचार समिति) के संस्थापक-संपादक के रूप में कार्य किया। इससे पहले वे ‘नवभारत टाइम्स’ के संपादक (विचार) रहे। पाञ्चजन्य में भी वे समय-समय पर लेख लिखते रहे थे। पत्रकारिता और भाषा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए उन्हें कई सम्मान प्राप्त हुए। पाञ्चजन्य परिवार की ओर से डॉ. वेदप्रताप वैदिक को भावभीनी श्रद्धांजलि।
टिप्पणियाँ