उत्तराखंड की धामी सरकार समान नागरिक संहिता पर मई के पहले हफ्ते तक विशेषज्ञों की रिपोर्ट चाहती है। मई के अंत तक इसका कार्यकाल पूरा होना है। सरकार द्वारा बनाई गई विशेषज्ञ समिति की दिल्ली में हुई बैठक में ये फैसला लिया गया कि अगले एक माह में समिति के द्वारा जितने भी लंबित कार्य हैं, उन्हें पूरा कर लिया जाए।
नई दिल्ली के उत्तराखंड सदन में उत्तराखंड समान नागरिक संहिता विशेषज्ञ समिति की बैठक हुई। समिति की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी सदस्य शामिल हुए। समिति में स्थानीय लोगों से मिले सवा दो लाख सुझावों पर सदस्यों द्वारा अलग-अलग अध्ययन विचार विमर्श का कार्य पूरा होने की जानकारी दी गई। राज्य के समाजसेवी, कानूनविदों के द्वारा दिए गए सुझाव और जन सुनवाई का काम भी पूरा हो जाने पर संतोष व्यक्त किया गया। बैठक में ये निर्णय हुआ कि जो भी कार्य लंबित हैं, उन्हें एक माह में पूर्ण किया जाए और मई के प्रथम सप्ताह में उत्तराखंड सरकार को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।
माना जा रहा है कि उत्तराखंड सरकार इस समिति का कार्यकाल जो 28 मई को पूरा होने जा रहा है उसको आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी ये बात कह चुके हैं कि इसी साल मध्य में उनकी सरकार देश का पहला समान नागरिक संहिता कानून को लागू कर देगी।
राज्य सरकार समान नागरिक संहिता के तहत एक राज्य एक कानून को लागू करना चाहती है, इसमें विवाह, तलाक, संपत्ति का अधिकार, उत्तराधिकार, विरासत, गोद, रख रखाव आदि विषय शामिल हैं।
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