स्कूली छात्राओं पर रासायनिक हमला
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

स्कूली छात्राओं पर रासायनिक हमला

ईरान में 21 से अधिक प्रांतों के 52 से अधिक बालिका स्कूलों पर रासायनिक हमले हुए हैं। एक हजार से अधिक छात्राएं इन हमलों की शिकार हुई हैं। शिकार छात्राओं के अभिभावक सड़कों पर उतर चुके हैं। यह रायासनिक हमला हिजाब आंदोलन का बदला है या लड़कियों को पढ़ने से रोकने का षड्यंत्र?

by पाञ्चजन्य ब्यूरो
Mar 18, 2023, 02:11 pm IST
in विश्व
रासायनिक हमले की चपेट में आई छात्राओं के अभिभावकों से बर्बर व्यवहार करती ईरानी पुलिस

रासायनिक हमले की चपेट में आई छात्राओं के अभिभावकों से बर्बर व्यवहार करती ईरानी पुलिस

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

अब ईरान से आ रही खबरों से दुनिया हैरान है। हिजाब के विरुद्ध आंदोलन में महसा अमीनी की सितंबर, 2022 में पुलिस हिरासत में मौत के बाद बहुत सी स्कूली छात्राएं इस आंदोलन में कूद पड़ी थीं। दिसंबर से स्कूली लड़कियों के स्कूलों में बेहोश होने, सांस न ले पाने की शिकायतें आने लगीं।

अक्तूबर, 2012 में पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा के स्वात में 14 वर्ष की एक बच्ची पढ़ना चाहती थी। पढ़ना चाहने के इस ‘गुनाह’ की सजा इस्लामी आतंकवादियों ने उस पर हमला करके दी। यह बच्ची बुरी तरह जख्मी हुई, उसकी जान बचाने के लिए उसे ब्रिटेन ले जाया गया और किसी तरह यह बच्ची बची। यह मलाला युसुफजई थी जो आज ‘वोक’दुनिया की एक आइकन है। पूरी दुनिया ने इस हमले की लानत-मलानत की थी। मलाला को बाद में नोबेल से भी सम्मानित किया गया। परंतु क्या इससे इस्लामी कट्टरवादियों ने कोई सबक लिया?

मलाला पर हमले की घटना को 10 वर्ष से अधिक बीत चुके हैं। अब ईरान से आ रही खबरों से दुनिया हैरान है। हिजाब के विरुद्ध आंदोलन में महसा अमीनी की सितंबर, 2022 में पुलिस हिरासत में मौत के बाद बहुत सी स्कूली छात्राएं इस आंदोलन में कूद पड़ी थीं। दिसंबर से स्कूली लड़कियों के स्कूलों में बेहोश होने, सांस न ले पाने की शिकायतें आने लगीं। अभिभावकों ने इसका विरोध किया तो जांच बैठा दी गई। लेकिन तीन महीने बीत गए, अब तक कोई जांच रिपोर्ट नहीं आई।

ईरान के उप स्वास्थ्य मंत्री यूनुस पनाही ने फरवरी के आखिर में पुष्टि की थी कि घोम, बोरुजर्ड जैसे शहरों में नवंबर से ही श्वसन प्वाइजनिंग के सैकड़ों मामले सामने आए हैं। उनका कहना है कि स्कूलों के पानी में घातक रसायन मिलाया जा रहा है जिससे यह समस्या आई है। पनाही ने कहा कि इससे पता चलता है कि कुछ लोग लड़कियों की शिक्षा को रोकना चाहते हैं और बालिका विद्यालयों को बंद कराना चाहते हैं। आश्चर्यजनक रूप से ईरान के 30 में से 21 प्रांतों में संदिग्ध मामले मिले हैं और तकरीबन सभी घटनाएं बालिका विद्यालयों की हैं। गृह मंत्री अहमद वाहिदी ने 4 मार्च को कहा कि जहर की संदिग्ध घटनाओं से कम से कम 52 स्कूल प्रभावित हुए हैं। ईरान की मीडिया ने स्कूलों की संख्या 60 बताई है। कम से कम एक बाल विद्यालय भी प्रभावित हुआ है।

अस्पताल में उपचाररत स्कूली छात्राएं

ईरान के कई मंत्री इस पर अपनी सफाई देकर सरकार की इसमें किसी तरह की भूमिका होने से इनकार कर चुके हैं। लेकिन लोगों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुस्साए अभिभावक सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं तो अनेक स्कूलों के दरवाजों पर आंसू बहा रहे हैं। कुल 12,000 से अधिक छात्राओं का अस्पताल में इलाज चल रहा है। रासायनिक हमले से आहत छात्राओं का अस्पतालों में पहुंचना जारी है। कई की हालत बहुत ज्यादा खराब है। वे पूरे शरीर में सुन्नपन, बेचैनी और गफलत की शिकायत कर रही हैं। कुछ स्कूली शिक्षिकाओं का भी कहना है कि उस रसायन की गंध से रह—रहकर बेहोशी छा रही है। अभिभावक अलग अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं।

 

महिलाओं के लिए दिमागों में जहर भरते वीडियो

डॉ. सोनाली मिश्र

एक वीडियो, जिसे 4 मार्च को एक यूजर ने ट्विटर पर अपलोड किया, उसमें एक बच्चे से एक व्यक्ति प्रश्न करता दिखाई दे रहा है कि ‘दस गुनाहगार औरतें कौन सी हैं?’ तो उसमें वह बच्चा कहता हुआ दिखाई दे रहा है

गत मार्च को पूरे विश्व ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया है और महिलाओं को लेकर तमाम बातें की गई हैं। कई वादे-इरादे निर्धारित किए गए हैं और न जाने क्या-क्या कहा गया होगा। परन्तु इसी बीच भारत के पड़ोसी पाकिस्तान से और अफगानिस्तान से दो ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जो बहुत ही अधिक चौंकाने वाले हैं। ये दोनों ही वीडियो महिलाओं की आजादी को लेकर ऐसा कथानक रचते हैं, ऐसा दृश्य रचते हैं, जो कहीं से भी सभ्य नहीं कहा जा सकता है।

एक वीडियो, जिसे 4 मार्च को एक यूजर ने ट्विटर पर अपलोड किया, उसमें एक बच्चे से एक व्यक्ति प्रश्न करता दिखाई दे रहा है कि ‘दस गुनाहगार औरतें कौन सी हैं?’ तो उसमें वह बच्चा कहता हुआ दिखाई दे रहा है कि ‘वे हैं – बेपर्दा औरत, तेज जबान औरत, दीन का मजाक उड़ाने वाली औरत, चुगलखोर औरत, अहसान जतलाने वाली औरत, खाविंद (पति) की नाफरमानी करने वाली औरत, बाल खोलकर चलने वाली औरत और बगैर जरूरत के घर से बाहर निकलने वाली औरत!’

यह वीडियो इसलिए और भी अधिक चौंकाने वाला है क्योंकि इसमें बच्चे के दिमाग में भरा जा रहा है कि ‘अच्छी औरतें’ कौन सी हैं? अच्छी का निर्धारण कौन करेगा? जो बच्चा अभी से यह कह रहा है कि बेपर्दा वाली औरतें गुनाहगार औरतें हैं, और बाल खोलकर चलने वाली औरतें गुनाहगार औरतें हैं, तो क्या वह कभी यह समझ पाएगा कि ईरान में आखिर लड़कियां क्यों अपनी जान दे रही हैं? वह क्यों विरोध कर रही हैं? उसके मन में बालपन से ही यह बैठा दिया गया है कि बेपर्दा औरतें और अपने खाविंद की नाफरमानी करने वाली औरतें गुनाहगार होती हैं।

खाविंद को लेकर अफगानिस्तान से भी एक बहुत ही हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है। इसमें एक मौलाना अहमद फिरोज अहमदी यह कह रहा है कि ‘यदि घर में आग भी लगी है और शौहर ने जिस्मानी इच्छा जाहिर की है, तो भी बीवी को इनकार नहीं करना चाहिए। अगर वह खाना पका रही है और शौहर हमबिस्तर होने की इच्छा जाहिर करता है तो उसे इनकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि वही उनका कार्य है।

जब पूरे विश्व में महिला दिवस मनाया गया तो क्या किसी ने इन तमाम महिलाओं के विषय में चिंता की? या फिर इस बात को लेकर चिंता की कि जो जहर बच्चों के दिमागों में भरा जा रहा है, वह क्या प्रभाव उत्पन्न कर सकता है? वह कितना प्रभावित कर सकता है? शायद नहीं!
खाविंद की हमबिस्तर होने की इच्छा को तब भी औरत मना नहीं कर सकती है जबकि वह ऊंट पर बैठी हो।’ इस विषय में भी एक मौलाना का वीडियो वायरल हुआ था। ऊंट पर बैठने का अर्थ था प्रसव के अंतिम दिन।

यह उस अफगानिस्तान का वीडियो है, जहां हाल ही में महिलाओं पर तमाम तरह के प्रतिबन्ध लगा दिए गए हैं। यहां तक कि महिलाओं को बच्चा पैदा करने वाली मशीन मानते हुए महिलाओं के गर्भनिरोधक उपायों पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया है। तालिबान के अनुसार गर्भनिरोधकों का महिलाओं द्वारा विरोध एक पश्चिमी षड्यंत्र है। अफगानिस्तान में तमाम प्रतिबन्ध महिलाओं पर लगाए जा चुके हैं, जिनकी गिनती ही शायद संभव नहीं होगी। पिछले दिनों जब पूरे विश्व में महिला दिवस मनाया गया तो क्या किसी ने इन तमाम महिलाओं के विषय में चिंता की? या फिर इस बात को लेकर चिंता की कि जो जहर बच्चों के दिमागों में भरा जा रहा है, वह क्या प्रभाव उत्पन्न कर सकता है? वह कितना प्रभावित कर सकता है? शायद नहीं!

इन तमाम महिलाओं को विमर्श से बाहर क्यों कर दिया है, जिन्हें सार्वजनिक पटल से अनुपस्थित पहले ही किया जा चुका है? बहरहाल महिला दिवस पर ऐसे दो वीडियो का सामने आना और उस पर मौन रह जाना, बहुत कुछ कहता है क्योंकि इन्हीं दिनों ईरान में बच्चियों को जहर देने के मामले भी सामने आ रहे हैं, जब वे तालीम पाने की राह में आगे बढ़ना चाहती हैं। प्रश्न यही है कि इन पीड़ाओं पर बोलना कब आरम्भ किया जाएगा?

हालांकि समाचार यह भी है कि अपनी बेटियों की बदहाली देखकर गुस्साए माता—पिताओं से पुलिस बर्बरता से पेश आ रही है। वायरल हुए एक वीडियो में एक छात्रा की मां के सरकार विरोधी नारे लगाने पर पुलिस वाले उसके बाल खींचते और उसे पुलिस की गाड़ी की तरफ धकेलते हुए दिख रहे हैं। पुलिस वालों ने सादा कपड़े पहने हुए हैं। शहर कुद्स में इसार गर्ल्स स्कूल पर रासायनिक हमले के बाद एक मां ने कहा कि ‘वे (स्कूल प्रशासन) छात्राओं को स्कूल से बाहर भी नहीं आने दे रहे हैं।’ रामहॉरमोज स्थित जैनब गर्ल्स स्कूल में रासायनिक हमले की शिकार छात्राओं की स्थिति बहुत खराब बताई जा रही है। ट्विटर पर फरवरी के अंतिम दिनों से लगभग प्रतिदिन दो-चार स्कूलों पर रासायनिक हमले की खबरें लगातार मिल रही हैं। शिकार छात्राओं और उनके बिलखते अभिभावकों, अभिभावकों से बदसलूकी करते पुलिसकर्मियों के वीडियो से ट्विटर अटा पड़ा है।

ईरान की स्कूली छात्राएं बोर्ड पर लिखे द इस्लामिक रिपब्लिक शब्द की ओर ऊंगली दिखा रही हैं

इस मामले में अब तक किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है, परंतु कई ईरानी पत्रकारों ने ‘फिदायीन विलायत’ नाम के एक समूह के बयान का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि लड़कियों की शिक्षा को ‘प्रतिबंधित माना जाता है’ और धमकी दी है कि अगर उनके स्कूल खुले रहेंगे तो पूरे ईरान में लड़कियों को जहर दिया जाएगा। वहीं ईरानी अधिकारियों का कहना है कि उन्हें ‘फिदायीन विलायत’ नाम के समूह के बारे में जानकारी नहीं है।

शिया देश के सुप्रीम नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा है कि ये ऐसा अपराध है जिसके लिए अपराधी को माफ नहीं किया जा सकता। खामेनेई ने छात्राओं पर हो रहे रासायनिक हमले को घोर अपराध की संज्ञा दी है। अपने इसी वक्तव्य में उन्होंने ईरान की गुप्तचर एजेंसी और पुलिस विभाग को हुक्म दिया कि वे अपराधियों की जल्दी से जल्दी पहचान कर उन्हें दंडित करवाएं। ईरान के न्यायपालिका प्रमुख गुलाम हुसैन मोहसेनी ने अपनी तरफ से कहा है कि इस जैसा अपराध करने वालों को मौत की सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में जल्दी ही अदालत सुनवाई शुरू करेगी। लेकिन अभी तक यह सिर्फलीपापोती साबित हुई है।

Topics: भारत के पड़ोसीअहमद फिरोज अहमदीIndia's neighborAhmad Firoz Ahmadiस्कूली छात्राओं पर रासायनिक हमला पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वायूनुस पनाहीअयातुल्ला अली खामेनेई अंतरराष्ट्रीय महिला दिवसपाकिस्तानchemical attack on schoolgirls Khyber-Pakhtunkhwa of PakistanPakistanYunus PanahiafghanistanAyatollah Ali Khamenei International Women's Dayअफगानिस्तान
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

प्रतीकात्मक तस्वीर

बलूचिस्तान में हमला: बस यात्रियों को उतारकर 9 लोगों की बेरहमी से हत्या

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

Representational Image

महिलाओं पर Taliban के अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर, ICC ने जारी किए वारंट, शीर्ष कमांडर अखुंदजदा पर भी शिकंजा

ईरान से निकाले गए अफगान शरणा​र्थी   (फाइल चित्र)

‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ के परखच्चे उड़ा रहे Iran-Pakistan, अफगानियों को देश छोड़ने का फरमान, परेशानी में ​Taliban

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies