मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने प्रथम प्रशिक्षण स्क्वाड्रन में स्वागत समारोह के दौरान सेंट ब्रैंडन द्वीप मॉरीशस के ग्राउंडेड पोत से प्रदूषण हटाने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया है। उन्होंने संयुक्त ऑपरेशन के दौरान मॉरीशस के राष्ट्रीय तटरक्षक के साथ भारतीय नौसेना के तालमेल को सराहा। इस ऑपरेशन में 30 से अधिक हेलो शामिल थे, जिन्होंने उड़ानें भरकर 300 किलोग्राम से अधिक प्रदूषण हटाया।
दरअसल, ताइवानी फिशिंग वेसल यू फेंग नंबर 67 पिछले साल दुर्घटनाग्रस्त होने पर 5 दिसंबर को मॉरीशस के सेंट ब्रैंडन द्वीपसमूह की एक चट्टान पर जमींदोज कर दी गई थी। मछली पकड़ने वाले जहाज के 20 सदस्यीय चालक दल को सुरक्षित रूप से निकाल लिया गया था लेकिन खराब मौसम के कारण क्षतिग्रस्त जहाज को नहीं हटाया जा सका था। इसके बाद पानी में डूबने के बजाय जमींदोज होने के कुछ समय बाद यू फेंग ने किनारे की ओर चलना शुरू किया। दुर्घटना के समय जहाज में लगभग 63 हजार किलोग्राम समुद्री डीजल ईंधन, 453 किलोग्राम चिकनाई वाला तेल और 60 हजार किलोग्राम मछली पकड़ने का चारा था।
चालक दल ने दुर्घटना के बाद कुछ चारा पानी में फेंक दिया था, लेकिन कुछ जहाज पर ही रह गया। दुर्घटनाग्रस्त जहाज के समुद्री डीजल ईंधन, चिकनाई वाला तेल और मछली पकड़ने वाले चारा की वजह से मॉरीशस के समुद्र में प्रदूषण फैलने लगा। इस पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने प्रथम प्रशिक्षण स्क्वाड्रन में स्वागत समारोह के दौरान सेंट ब्रैंडन द्वीप मॉरीशस के ग्राउंडेड पोत से प्रदूषण हटाने के लिए भारतीय नौसेना से अनुरोध किया। नौसेना ने शीघ्र सहायता प्रदान करके मॉरीशस के राष्ट्रीय तटरक्षक के साथ संयुक्त अभियान चलाया।
मॉरीशस के तट रक्षक जहाज बाराकुडा के साथ तट रक्षक बल के कर्मचारी 09 मार्च को द्वीप से बाहर पहुंचे। इसके बाद 09-10 मार्च को बचाव अभियान के लिए मछली पकड़ने के जहाज पर एक संयुक्त दल को हेली-ड्रॉप किया गया। इस ऑपरेशन में 30 से अधिक हेलो शामिल थे, जिन्होंने उड़ानें भरकर 300 किलोग्राम से अधिक प्रदूषण हटाया। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने भारत सरकार को धन्यवाद देने के साथ ही संयुक्त ऑपरेशन के दौरान मॉरीशस के राष्ट्रीय तटरक्षक के साथ भारतीय नौसेना के तालमेल को सराहा।
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