अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की कठिन शर्तों से परेशान पाकिस्तान का कहना है कि आईएमएफ ने उसे बंधक बना लिया है और उसे गुलाम समझ रहा है। इसी साल की शुरुआत में आईएमएफ की टीम करीब दो सप्ताह तक इस्लामाबाद में डेरा डाले रही और पाकिस्तान के तमाम विभागों की फाइलें तक चेक करीं। इसके बाद भी लोन देने का वादा नहीं किया और देश से वापस लौट गईं।
वहीं पाकिस्तान पर आर्थिक संकट इतना बढ़ता जा रहा है कि आईएमएफ का लोन नहीं मिला तो वह कर्ज की किस्तें भी नहीं चुका सकेगा। पाकिस्तान की सत्ताधारी गठबंधन में शामिल पीएमएल-एन की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने कहा है कि आईएमएफ ने पाकिस्तान को बंधक बना लिया है। उन्होंने कहा है कि आईएमएफ पाकिस्तान से अपने उपनिवेश की तरह बर्ताव कर रहा है। पाकिस्तान की स्थिति ऐसी हो गई है कि वो चाहकर भी आईएमएफ के चंगुल से बाहर नहीं निकल सकता है।
इमरान खान की गलतियों का खामियाजा भुगत रहा पाकिस्तान
मरयम नवाज ने आरोप लगाया कि इमरान खान की सरकार ने पिछले आईएमएफ समझौते की धज्जियां उड़ाई, जिसकी वजह से कर्ज मिलने में परेशानी हो रही है। मरयम नवाज ने कहा कि इमरान खान की गलतियों की वजह से देश भीख मांगने को मजबूर है। मरयम नवाज ने कहा कि इमरान खान को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। वह पार्टी कार्यकर्ताओं के पीछे क्यों छिप रहे हैं? वह दोबारा प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं लेकिन उन्होंने ऐसा क्या किया है, जो उन्हें दोबारा प्रधानमंत्री बनाया जाए। इमरान खान कुछ सैन्य जनरलों और जजों का समर्थन पाने की कोशिश कर रहे हैं। अब वह न्यायपालिका के दम पर सत्ता में वापस आना चाहते हैं।
बता दें, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से संकट में है। देश वाशिंगटन स्थित अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 1.1 बिलियन अमेरिकी डालर की बहुत जरूरी धनराशि का इंतजार कर रहा है। 31 जनवरी से 9 फरवरी तक इस्लामाबाद में आईएमएफ प्रतिनिधिमंडल के साथ दोनों पक्षों की 10 दिनों की गहन बातचीत के बाद पाकिस्तान और आईएमएफ वर्चुअल बातचीत कर रहे हैं, जो एक समझौते पर पहुंचने में विफल रही। पाकिस्तान, जिसकी विदेशी मुद्रा 3 बिलियन अमेरिकी डालर से नीचे गिर गई है, को आर्थिक पतन से बचने के लिए वित्तीय सहायता और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बेलआउट पैकेज की सख्त जरूरत है।
आईएमएफ को मनाने में विफल पाकिस्तान पश्चिमी सहयोगियों के भरोसे
जियो न्यूज की खबर के मुताबिक कर्मचारी स्तर के समझौते पर आगे बढ़ने के लिए आईएमएफ को मनाने में विफल रहे पाकिस्तान के पास वाशिंगटन तथा अन्य पश्चिमी सहयोगियों से मदद मांगने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्री इसहाक डार ने इस्लामाबाद में अमेरिकी राजनयिकों से संपर्क स्थापित किया है और अमेरिका के वित्त विभाग के हस्तक्षेप के जरिए गतिरोध को दूर करने में मदद देने का अनुरोध किया है।
इसमें कहा गया, ”अब आईएमएफ का कहना है कि बाहरी खाते पर 6-7 अरब डॉलर के वित्तपोषण अंतर को भरने के लिए पाकिस्तान अपने मित्र देशों और बहुपक्षीय लेनदारों से जून 2023 के अंत तक 200 प्रतिशत आश्वासन प्राप्त करे।” मुद्राकोष ने पाकिस्तान से कहा है कि वह सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर तथा बहुपक्षीय ऋणदाताओं से छह से सात अरब डॉलर की बाहरी वित्तीय जरूरतों के लिए जून 2023 तक समर्थन प्राप्त करे ताकि वित्तीय अंतर को पाटा जा सके।
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