पाकिस्तान द्वारा जम्मू—कश्मीर में मादक पदार्थों की बराबर तस्करी की जा रही है। हाल के कुछ समय में राज्य के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा बलों द्वारा मादक पदार्थों की बड़ी खेप पकड़ी गई हैं। ऐसे में इस पर लगाम कसने के लिए सीमावर्ती जिलों—कुपवाड़ा, बारामूला और बांदीपोरा के आसपास 26 सीमा पुलिस चौकियां यानी बॉर्डर पुलिस पोस्ट बनाई जा रही हैं। इन चौकियों का प्रयोग मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के अलावा पाकिस्तान से होती घुसपैठ को रोकना होगा।
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद इन्हें बनाने का काम शुरू हो चुका है। इन सीमा पुलिस चौकियों में 20 से अधिक पुलिस कर्मियों की तैनाती होगी और इसका नेतृत्व एक सब इंस्पेक्टर करेंगे। ज्ञात हो कि मादक पदार्थों की तस्करी का पैसा घाटी में आतंकी गतिविधियों में प्रयोग किया जाता है। ऐसे में ये चौकियां खुफिया जानकारी जुटाने और पाकिस्तान से घुसपैठियों की घुसपैठ पर कड़ी नजर रखेंगी। खबर है कि प्रत्येक बॉर्डर पुलिस चौकी के निमार्ण के लिए 84 लाख रुपए स्वीकृत किए गए है और प्रत्येक चौकी के लिए जमीन भी चिन्हित की गई है।
इन इलाकों में बनाई जा रही चौकियां
माछिल, गुरेज, केरन, तंगधार, पुलिस डिवीजन हंदवाड़ा, उड़ी और उत्तरी कश्मीर के क्षेत्रों के ऊपरी इलाकों में यह चौकियां बनाई जा रही हैं। जम्मू—कश्मीर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का मानना है कि नार्को-टेरर बड़ी चुनौती है, लेकिन हम इससे निपटेंगे। इन चौकियों पर तैनात जवान नकली नोटों की ढुलाई, मादक पदार्थों की तस्करी और ड्रोन के जरिए हथियार गिराने पर नजर रखेंगे। कुछ दिन पहले पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा था कि पाकिस्तान प्रायोजित नार्को-आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा ड्रोन के जरिए हथियार गिराने की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है। इन सब पर लगाम लगाने के लिए जम्मू—कश्मीर पुलिस हर मोर्चे पर काम कर रही है।
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