आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नल्लारी किरण कुमार ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। किरण कुमार रेड्डी आंध्र प्रदेश के पुनर्गठन से पहले राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे। फिलहाल वह किस पार्टी में शामिल होंगे इसको लेकर अटकलों का बाजार गर्म है।
चित्तूर जिले से 4 बार विधायक रहे किरण कुमार ने वर्ष 1989 में अपने राजनीतिक पारी शुरुआत की थी। तब उन्होंने वायलपाडु से कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की। फिर उन्होंने वर्ष 1999 और 2004 में एक ही निर्वाचन क्षेत्र से और बाद में 2009 में पिलेरू विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता। किरण कुमार के पिता अमरनाथ रेड्डी भी बड़े कांग्रेसी नेता थे और उनकी पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और नरसिंहा राव से काफी करीबी थी।
वर्ष 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी की दुर्घटना में मौत होने से पैदा हुए नाटकीय घटनाक्रम के बीच किरण कुमार ने 2010 में अविभाजित आंध्र प्रदेश की बागडोर संभाली। तब चल रहे तेलंगाना राज्य के आंदोलन के समय उन्होंने 16वें मुख्यमंत्री के रूप में अपना कार्यभार संभाला।
हालांकि तत्कालीन यूपीए सरकार (डॉ मनमोहन सिंह नित सरकार) द्वारा पारित किए गए संयुक्त आंध्र प्रदेश के बंटवारे (तेलंगाना राज्य आंध्र प्रदेश पुनर्गठन बिल) के विरोध में किरण कुमार रेड्डी ने 10 मार्च 2014 को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। यही नहीं केंद्र सरकार के इस फैसले के विरोध में राज्य की विधानसभा में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था।
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ ही किरण कुमार ने कांग्रेस से भी दूरी बना ली और सक्रिय राजनीति में रहने के लिए उन्होंने अपना अलग राजनीतिक संगठन ‘जय समैक्य आंध्र’ खड़ा किया। हालांकि नई पार्टी के साथ लड़े लोकसभा चुनाव में उन्हें निराश ही हाथ लगी। उनकी पार्टी चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सकी। जिस कारण वर्ष 2018 में उन्होंने नवगठित पार्टी को भंग कर दिया और और एकबार फिर कांग्रेस का रुख किया।
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