प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कर्नाटक के मांड्या में प्रमुख विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेस-वे को राष्ट्र को समर्पित किया और मैसूर-खुशालनगर 4-लेन राजमार्ग की आधारशिला रखी।
इस दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि डबल इंजन सरकार तेजी से विकास के साथ हर नागरिक की मांगों को पूरा करने का प्रयास करती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के युवा आज आधुनिक और उच्च गुणवत्ता वाले एक्सप्रेसवे पर गर्व महसूस कर रहे हैं। आज समर्पित इस एक्सप्रेस-वे से मैसूर और बेंगलुरु के बीच यात्रा का समय आधा हो गया है। उन्होंने मैसूर-कुशलनगर 4-लेन राजमार्ग की आधारशिला रखने पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं ‘सबका विकास’ की भावना को आगे बढ़ाएंगी और समृद्धि के द्वार खोलेंगी। प्रधानमंत्री ने इन परियोजनाओं के लिए कर्नाटक के लोगों को बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर अपने साथ सिर्फ सुविधा नहीं लाता बल्कि रोजगार, निवेश और कमाई के साधन लाता है। बीते वर्षों में सिर्फ कर्नाटक में ही हमने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हाई-वे से जुड़े प्रोजेक्ट्स में पूंजी निवेश किया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले केंद्र की कांग्रेस सरकार ने गरीब परिवारों को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। जो पैसा गरीब के विकास के लिए था, उसका हजारों-करोड़ रुपये कांग्रेस की सरकार ने लूट लिया था। कांग्रेस को कभी करीब के दुख-दर्द से कोई फर्क नहीं पड़ा है।
कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री ने मांड्या में रोड शो भी किया और इस दौरान उपस्थित लोगों का उन्होंने अभिवादन किया। प्रधानमंत्री ने आज बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेस-वे राष्ट्र को समर्पित किया। इस परियोजना में एनएच-275 के बेंगलुरु-निदाघट्टा-मैसूर खंड को 6 लेन का बनाना शामिल है। 118 किमी. लंबी सड़क के निर्माण से जुड़ी इस परियोजना को लगभग 8480 करोड़ रुपये की कुल लागत से विकसित किया गया है। इससे बेंगलुरु और मैसूर के बीच यात्रा-अवधि लगभग 3 घंटे से घटकर करीब 75 मिनट रह जाएगी। इससे क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने मैसूर-खुशालनगर 4 लेन राजमार्ग की आधारशिला भी रखी। 92 किमी. में फैली इस परियोजना को करीब 4130 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा। यह परियोजना बेंगलुरु के साथ खुशालनगर के परिवहन संपर्क को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और यात्रा-अवधि को लगभग 5 से घटाकर केवल 2.5 घंटे करने में मदद करेगी। इस प्रकार, यात्रा की अवधि, वर्तमान की तुलना में आधी रह जायेगी।
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