आयकरदाताओं ने सरकार की झोली में फिर इतना पैसा डाल दिया है कि पिछला रिकॉर्ड टूट गया। देश का सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह वित्त वर्ष 2022-23 में 10 मार्च तक 16.68 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह से 22.58 फीसदी से ज्यादा है।
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को जारी बयान में बताया कि चालू वित्त वर्ष में 10 मार्च तक सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 16.68 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष (2021-22) के मुकाबले 22.58 फीसदी से अधिक है। आयकर विभाग के आंकड़ों के मुताबिक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह भी 13.73 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के शुद्ध संग्रह से 16.78 फीसदी अधिक है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के मुताबिक 10 मार्च तक प्रत्यक्ष कर संग्रह के आंकड़ों में लगातार वृद्धि जारी है। सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कुल बजट अनुमानों का 96.67 फीसदी और प्रत्यक्ष कर संग्रह कुल संशोधित अनुमानों का 83.19 फीसदी है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि सीबीडीटी एक अप्रैल, 2022 से 10 मार्च, 2023 के दौरान 2.95 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान जारी किए गए रिफंड से 59.44 फीसदी अधिक है।
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