सैन्य परंपरा में उत्तराखंड के नाम एक और गौरव जुड़ा है। देश को पहला सीडीएस देने वाले इस राज्य से अब एक महिला अधिकारी के रूप में पहली सैन्य कमांडर मिली है। कर्नल गीता राणा नेगी पूर्वी लद्दाख में एलएसी से सटे क्षेत्र में तैनात स्वतंत्र फील्ड बटालियन (कोर ऑफ इंजीनियर की बटालियन) की कमान संभालने वाले पहली महिला अधिकारी बनी है। भारतीय सेना के इतिहास में पहली बार किसी महिला अधिकारी बतौर कमांडर इस तरह की कमान सौंपी गई है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में सेना ने महिला अधिकारियों को भी कमांडर की भूमिका में तैनात करने की मंजूरी केंद्रीय कैबिनेट से मिली थी। कर्नल गीता इस उपलब्धि को पाने वाली देश की पहली महिला सेना अधिकारी बनी हैं। वर्तमान में वह कोर ऑफ इलेक्ट्रानिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स में तैनात है।
कर्नल गीता राणा मूलरूप से चमोली जिले के नारायणबगड़ विकासखंड के केवर तल्ला गांव की रहने वाली है। हालांकि उनका मायका पौड़ी जिले पौखाल के डंगू दुगड्डा में हुआ था। उनके पिता कृपाल सिंह राणा सेना की महार रेजीमेंट से ऑनरेरी कैप्टन रैंक से रिटायर हुए हैं। पिता फौज में तैनात थे तो उनका परिवार बाहर ही रहता था। कर्नल गीता का जन्म लुधियाना में हुआ था। वर्तमान में उनके माता—पिता बरेली में निवास करते हैं।
कर्नल गीता का विवाह नारायणबगड़ के केवर तल्ला गांव निवासी सिद्धार्थ नेगी से हुआ था। वह समाज सेवा से जुड़े हुए हैं और वर्तमान में किसानों को प्राकृतिक व जैविक खेती करने के साथ ही मोटे अनाजों के संरक्षण के लोगों को जागरूक करने के कार्य में जुटे हुए हैं।
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